Sonipat Lok Sabha Constituency History : हरियाणा के सोनीपत लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। इस सीट पर अब तक हुए 12 चुनावों में से नौ बार जाट उम्मीदवार विजयी रहे हैं। यह सीट रोहतक लोकसभा क्षेत्र से अलग होकर 1977 में अस्तित्व में आई थी।
इस सीट पर बड़ी-बड़ी हस्तियां चुनाव लड़ा चुकी है। 1980 में ताऊ चौधरी देवी लाल ने जनता पार्टी (सेक्युलर) से चुनाव लड़ा। इस सीट से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी 2019 में चुनाव लड़ा है। जाट बहुल इस सीट पर हमेशा से ही जाट नेताओं का दबदबा रहा है।
1977 का चुनाव
1977 के चुनाव में जनता पार्टी के मुखत्यार सिंह ने कांग्रेस की सुभाषिनी को हराकर सोनीपत सीट पर जीत हासिल की। यह चुनाव जनता पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर जीत के बाद हुआ था।
1980 का चुनाव
1980 के चुनाव में जनता पार्टी (सेक्युलर) की और से ताऊ चौधरी देवी लाल ने लड़ा और यहां जीत हासिल की। यह चुनाव कांग्रेस की वापसी के बाद हुआ था।
1984 का चुनाव
1984 के चुनाव में कांग्रेस के धर्मपाल मलिक ने लोकदल के चौधरी देवीलाल को हराकर सोनीपत सीट पर जीत हासिल की। यह चुनाव इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ था।
1989 का चुनाव
1989 के चुनाव में जनता दल के कपिल देव शास्त्री ने कांग्रेस के धर्मपाल मलिक को हराकर सोनीपत सीट पर जीत हासिल की।
1991 का चुनाव
1991 के चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस ने यहां से जीत हासिल की। इस बार धर्मपाल मलिक ने यहां से जीत हासिल की।
1996 का चुनाव
1996 के चुनाव में आजाद उम्मीदवार अरविंद शर्मा ने यहां से कांग्रेस को करारी हार दी। यह चुनाव कांग्रेस की वापसी के बाद हुआ था।
1998 का चुनाव
1998 के चुनाव में यहां इनेलो के लिए बड़ी जीत आई। यहां इंडियन नेशनल लोकदल की और से किशन सिंह सांगवान ने जीत हासिल की।
1999 का चुनाव
1999 में किशन सिंह सांगवान ने अपना दल बदल लिया। वो इनेलो छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और 1999 में से जीत हासिल की।
2004 का चुनाव
2004 के चुनाव में भी भाजपा ने किशन सिंह सांगवान पर विश्वास दिखाया। इस बार भी किशन सिंह ने यहां से जीत हासिल की। ये उनकी लगातार तीसरी जीत थी।
2009 का चुनाव
2009 के चुनाव में कांग्रेस वापसी की। इस बार जीतेंद्र सिंह मलिक ने भाजपा के हैट्रिक मेन किशन सिंह सांगवान को हरा हिया। जीतेंद्र सिंह ने यहां से 1 लाख 60 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की।
2014 का चुनाव
2014 के चुनाव में भाजपा के रमेशचंद्र कौशिक ने कांग्रेस के जगबीर सिंह मलिक को 77 हजार से ज्यादा मतों से हराकर सोनीपत सीट पर जीत हासिल की। यह चुनाव मोदी लहर के दौरान हुआ।
2019 का चुनाव
2019 के चुनाव में भाजपा के रमेशचंद्र कौशिक ने कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 1,64,000 से ज्यादा मतों से हराकर सोनीपत सीट पर जीत हासिल की।
1977-2019 तक सोनीपत लोकसभा का इतिहास
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साल |
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विजेता |
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पार्टी |
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1977 |
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मुखत्यार सिंह |
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जनता पार्टी |
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1980 |
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चौधरी देवी लाल |
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जनता पार्टी (सेक्युलर) |
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1984 |
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धर्मपाल सिंह मलिक |
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कांग्रेस |
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1989 |
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कपिल देव शास्त्री |
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जनता दल |
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1991 |
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धर्मपाल सिंह मलिक |
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कांग्रेस |
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1996 |
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अरविंद शर्मा |
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आज़ाद |
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1998 |
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किशन सिंह सांगवान |
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इनेलो |
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1999 |
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किशन सिंह सांगवान |
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भाजपा |
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2004 |
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किशन सिंह सांगवान |
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भाजपा |
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2009 |
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जीतेंद्र सिंह मलिक |
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कांग्रेस |
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2014 |
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रमेश चंद्र कौशिक |
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भाजपा |
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2019 |
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रमेश चंद्र कौशिक |
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भाजपा |
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2024 का चुनाव कैसा होने वाला है?
2024 का चुनाव अभी होना बाकी है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा। भाजपा अपने मौजूदा सांसद रमेशचंद्र कौशिक को फिर से उम्मीदवार बना सकती है, जबकि कांग्रेस भी किसी मजबूत जाट चेहरे को मैदान में उतार सकती है।
सोनीपत लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। इस सीट पर अब तक हुए 12 चुनावों में से नौ बार जाट उम्मीदवार विजयी रहे हैं। यह सीट दिल्ली से सटी हुई है और इसलिए इस पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों स्तर के राजनीतिक समीकरणों का असर पड़ता है।
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