Haryana Roadways Strike: हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर सड़कें जाम कर दी हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर रोडवेज कर्मचारियों ने सुबह से ही अपना गुस्सा जाहिर करना शुरू कर दिया था। कुरुक्षेत्र डिपो के जीएम सुखदेव सिंह का कहना है कि बसें सामान्य रूप से चलाई जाएंगी।
वहीं, कर्मचारी संगठनों के नेताओं का कहना है कि वे किसी भी स्तर पर बसें नहीं चलने देंगे।
रोडवेज की हड़ताल और कड़ाके की ठंड के कारण यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। निजी बसें सामान्य रूप से चल रही हैं और वे हड़ताल का पूरा फायदा उठाएंगी।
उधर, रोडवेज बसों से जाने वाली डाक पर भी असर पड़ा है। कुरुक्षेत्र बस स्टैंड पर ही दर्जनों पैकेट पड़े हुए हैं। कर्मचारी बस स्टैंड पर ही अलाव जलाकर कड़ाके की ठंड से बचने का प्रयास करते दिखे।
ड्राइवर और कंडक्टर डिपो के बाहर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
जब सरकार ने मांगें नहीं मानी तो सांझा मोर्चा के आह्वान पर नारनौल डिपो के चालक-परिचालकों ने बसों का चक्का जाम कर दिया। बुधवार सुबह से ही यूनियन पदाधिकारी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।
नारनौल डिपो प्रधान अनिल भीलवाड़ा ने बताया कि सरकार ने कर्मचारियों की मांगों के समाधान के लिए कॉमन फ्रंट को 11 जनवरी, 10 मार्च, 23 जून व 13 दिसंबर को बैठक के लिए आमंत्रित किया था।
साझा मोर्चा ने कर्मचारियों की मांगों के समाधान के लिए तर्क व साक्ष्य दिए। लेकिन इसके बाद भी सरकार की ओर से मांगों पर अमल नहीं किया गया। इसके विरोध में 24 जनवरी को प्रदेश भर में बसों का चक्का जाम करने का निर्णय लिया गया है।
इसी कड़ी में नारनौल डिपो के सभी ड्राइवर, कंडक्टर और वर्कशॉप कर्मचारियों ने भी हड़ताल का पूरा समर्थन किया है।
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के कारण लंबे रूट पर यात्रा करने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसमें दिल्ली, जयपुर, चंडीगढ़, झुंझुनू समेत कई रूटों पर यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नारनौल डिपो के बाहर सुबह से ही चालक परिचालक सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं। वे अपनी मांगों को लेकर ठंड के बीच सुबह से ही धरने पर बैठे हुए हैं। हालांकि सुबह हड़ताल के बीच दो-तीन बसें अलग-अलग रूटों पर रवाना हुईं।
सांझा मोर्चा की मुख्य मांगें
- हिट एंड रन कानून को खत्म किया जाए।
- अवकाश कटौती पत्र वापस लिया जाए।
- कंडक्टर व ड्राइवर की वेतन विसंगति दूर की जाए।
- 2002 के चालकों की नियुक्ति तिथि सुनिश्चित कर उन्हें पुरानी पेंशन नीति में शामिल किया जाए।
- 52 दादरी के ड्राइवरों व हेल्परों को 2016 के लिए पक्का करने की नीति बनाई जाए।
- ड्राइवर और कंडक्टरों से आठ घंटे की ड्यूटी ली जाए और आठ घंटे से अधिक ड्यूटी करने वालों को ओवरटाइम दिया जाए।
- चालकों को स्टेशन प्रभारी के पद पर पदोन्नत किया जाए।
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