Haryana Politics News: पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी गठबंधन ने हरियाणा को फिर से अपराध की राजधानी के रूप में स्थापित कर दिया है। कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में कानून व्यवस्था सुधारी और माहौल बेहतर किया। आज प्रदेश की जनता भय के साये में जी रही है और अपराधी बेखौफ होकर अपराध को अंजाम दे रहे हैं।
हुड्डा हाल ही में गोहाना में मातूराम जलेबी विक्रेता की दुकान पर अंधाधुंध फायरिंग और उनसे 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगे जाने की घटना पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस घटना के विरोध में सड़कों पर उतरी गोहाना की जनता ने गठबंधन सरकार को आईना दिखाया है। राज्य में सरकार और कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। सत्ता में बैठे लोग सिर्फ घोटाले कर जनता को लूटने में लगे हैं। उन्हें नागरिकों की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है।
केंद्र सरकार का सामाजिक प्रगति सूचकांक ही बताता है कि भाजपा-जजपा के शासन में हरियाणा देश का सबसे असुरक्षित राज्य बन गया है। एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि फिरौती, चोरी, डकैती, हत्या आदि जैसी घटनाएं हरियाणा की दिनचर्या का हिस्सा बन गई हैं। राज्य में हर दिन 3 हत्याएं और 5 रेप जैसी घटनाएं होती हैं। दिनदहाड़े वारदातों के मामले में हरियाणा ने यूपी-बिहार को पीछे छोड़ दिया है। ऐसी घटनाओं में महाराष्ट्र के बाद हरियाणा दूसरे नंबर पर आता है।
महज एक साल के भीतर महिलाओं के खिलाफ अपराध के 16,743 मामले सामने आए हैं, यानी हर दिन 46 मामले। उन्होंने कहा कि हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन बन गया है। बेरोजगारी से निराश युवा नशे और अपराध के चंगुल में फंसते जा रहे हैं। सरकार ने हरियाणा को बेरोजगारी, नशा और अपराध के भयानक दुष्चक्र में फंसा दिया है।
पूर्व सीएम ने कहा कि 2014 से पहले हरियाणा की गिनती देश के सबसे सुरक्षित राज्यों में होती थी। कांग्रेस कार्यकाल में प्रदेश से सभी गैंगस्टरों का सफाया हो गया। अपराधियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की गयी। सभी अपराधी हरियाणा छोड़ चुके थे।
सुरक्षित वातावरण के कारण प्रदेश में निवेश का माहौल माना जाता है और देश में सबसे ज्यादा निवेश हरियाणा में आया है। इससे रोजगार का सृजन हुआ और राज्य के युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में लाखों नौकरियां मिलीं।
आज स्थिति विपरीत है। कानून-व्यवस्था के दिवालियेपन के कारण निवेशकों ने प्रदेश से मुंह मोड़ लिया है। इसके कारण नई नौकरियाँ पैदा नहीं हो रही हैं और राज्य के युवाओं को बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ रही है।
Comments0