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Haryana Politics News: 20 जनवरी को बीजेपी में शामिल होंगे अशोक तंवर, पाँच साल में बदले 4 राजनैतिक दल

Ashok Tanwer



Haryana News: लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। चित्रा सरवारा और निर्मल सिंह के बाद अब अशोक तंवर ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कह दिया है। 


हरियाणा के वरिष्ठ नेता तंवर ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को अपना इस्तीफा भेज दिया है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन से अशोक तंवर नाराज थे। 


उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा कि जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से हाथ मिलाया है, मेरी अंतरात्मा इसकी गवाही नहीं देती। इसलिए, मैं चुनाव शिकायत समिति के अध्यक्ष पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मैं हरियाणा और भारत देश की भलाई के लिए काम करता रहूंगा।


बीजेपी में होंगे शामिल


20 जनवरी शनिवार को प्रातः 10 बजे डॉ अशोक तंवर दिल्ली में अपने संघर्ष के साथियों व वरिष्ठ नेताओं के साथ पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे I



तंवर का हरियाणा में लंबा राजनीतिक करियर है। वह लंबे समय तक हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले हुड्डा और अशोक तंवर के बीच मतभेद के कारण उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था, जिसके बाद तंवर ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। 


राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले अशोक तंवर ने कांग्रेस छोड़ने के करीब सवा साल बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का झंडा थाम लिया और हरियाणा में दीदी की पार्टी के अध्यक्ष बन गए और कैडर बनाने में जुट गए। करीब 6 महीने बाद तंवर ने भी टीएमसी छोड़ दी।



टीम एसी को अलविदा कहने के बाद अशोक तंवर तेजी से उभरती आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। वह इस पार्टी में काफी सक्रिय रहे। 


अशोक तंवर हरियाणा चौकड़ी (सुशील गुप्ता, अनुराग ढांडा, अशोक तंवर, चित्रा सरवारा) की अहम कड़ी थे। उन्होंने न सिर्फ अपनी टीम के साथ राज्य स्तरीय कार्यक्रमों में हिस्सा लिया बल्कि सरकार ही नहीं विरोधियों को भी घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी।


इसी बीच आप हरियाणा की चौकड़ी बिखरने लगी। सबसे पहले चित्रा सरवारा ने पार्टी छोड़ी और कांग्रेस में घर वापसी की। अब इसके बाद अशोक तंवर का विकेट भी गिर गया। 


हालांकि अपने इस्तीफे में उन्होंने पार्टी छोड़ने का कारण कांग्रेस के साथ गठबंधन बताया है। वहीं राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अशोक तंवर राज्यसभा जाने की उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया तो उन्होंने खुद को पार्टी कार्यक्रमों से दूर कर लिया। 


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