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पंचकूला विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास, तीन बार चुनाव हुए, कौन जीता कौन हारा?

Panchkula Assembly Constituency


Naya Haryana Election Special : पंचकूला जिले की स्थापना 15 अगस्त 1995 हुई। चंडीगढ़ की तरह पंचकूला को भी काफी सुनियोजित तरीके से बसाया गया है। यहां पर हरियाणा का एक मात्रा हिल स्टेशन मौरनी की पहाड़ियां पर्यटकों के लिए दर्शनीय स्थलों में से एक हैं। 


यहां की सुखना झील और टिकरताल झील पयर्टकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। पंचकूला का नाम पांच नहरों के नाम पर रखा गया है। पंच का मतलब पांच और कुला का मतलब नहर यानी पंचकुला। हालांकि बाद में पंचकूला लिखने लग गए।


पंचकूला विधानसभा सीट


हरियाणा के 90 विधानसभा सीटों में पंचकूला विधानसभा क्षेत्र भी आता है। अंबाला लोकसभा चुनाव क्षेत्र में आने वाले पंचकूला विधानसभा क्षेत्र का परिसीमन 2009 में हुआ। परिसीमन से पहले यह क्षेत्र केंद्र प्रशिसित क्षेत्र में आता था।


यहां पहला चुनाव 2009 में कांग्रेस के देवेंदर कुमार बसंल जीता। दूसरा चुनाव 2014 में हुआ। इस चुनाव में यहां से बीजेपी के ज्ञान चंद गुप्ता विधायक बनने में सफल रहे। तीसरे चुनाव में भी बीजेपी ने यहाँ जीत दर्ज की। ज्ञान चंद गुप्ता लगातार दूसरी बार बीजेपी के विधायक बने। 


चकुला हरियाणा प्रान्त में चंडीगढ़ से सटा एक नियोजित शहर है। यह पंचकूला जिले का मुख्यालय भी है। चंडीमंदिर छावनी भी इस शहर में स्थित है। जिला पंचकूला में पंचकूला, बरवाला, पिंजौर, कालका और रायपुर रानी शहर स्थित है। 


हरियाणा का एकमात्र हिल सटेशन मोरनी भी इसी जिले में स्थित है। 2006 में पंचकूला की अनुमानित जनसंख्या 220000 है। पंचकूला औऱ मोहाली चंडीगढ़ से सटे दो शहर हैं, इन तीनों शहरों को सामुहिक रूप से चंडीगढ़ ट्राइसिटी के नाम से जाना जाता है।


  विजेता का नाम    पार्ची का नाम    साल  
देवेंदर कुमार बसंल कांग्रेस 2009
ज्ञान चंद गुप्ता बीजेपी 2014
ज्ञान चंद गुप्ता बीजेपी 2019




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