Naya Haryana : हरियाणा सरकार पंचायतों का विकास सूचकांक तैयार करेगी। इसके लिए सरकार 12 बड़े विभागों की 57 सेवाओं का डेटा इकट्ठा करेगी।
इस डेटा के आधार पर गांवों की जरूरतों के मुताबिक विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी। यह पंचायत विकास सूचकांक स्थानीय समुदाय के सामाजिक, आर्थिक मापदंडों और विकास की स्थिति को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा।
इसमें बिजली, पानी, सड़क, स्वच्छता बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं, संस्थान, साक्षरता और गरीबी दर, शासन और प्रशासन, पर्यावरणीय स्थिरता सहित आर्थिक और सामाजिक सूचकांक सहित कई सूचकांकों का उपयोग किया जाएगा।
सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि विकास सूचकांक का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों में असमानताओं, सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धियों और उनके बेहतर जीवन के लिए नीतियों की पहचान करना होगा।
इसमें गरीबी मुक्त और आजीविका वाले गांव, स्वस्थ गांव, बाल मैत्रीपूर्ण पंचायतें, पर्याप्त पानी, स्वच्छ और हरित पंचायतें, बुनियादी ढांचे के साथ आत्मनिर्भर पंचायतें, सामाजिक न्याय और सुरक्षित पंचायतें, सुशासन और महिलाओं के साथ समग्र विकास को बढ़ावा देना शामिल है।
सत्यापन के लिए तीन कमेटियां गठित
इन सभी कार्यों के लिए सरकार द्वारा राज्य संचालन समिति तथा जिला एवं ब्लॉक संचालन एवं सत्यापन समितियों का गठन किया गया है। ये समितियां पंचायतों की ग्रेडिंग कर गुणवत्तापूर्ण डाटा तैयार करेंगी और पंचायत स्तर पर योजनाएं तैयार कर समीक्षा भी करेंगी। इस तरह हर पंचायत का डेटा रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा।
पंचायत स्तर पर डाटा तैयार कर 31 दिसंबर तक पंचायत विकास सूचकांक पोर्टल pdi.gov.in पर अपलोड किया जाएगा।
ये अधिकारी होंगे कमेटी में शामिल
मुख्य सचिव ने कहा कि जिला डेटा सत्यापन टीम के अध्यक्ष संबंधित जिलों के उपायुक्त होंगे और सीईओ जिला परिषद के सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा 12 अन्य जिला स्तरीय विभागों के प्रमुखों को सदस्य बनाया गया है, जो 577 स्थानीय सूचकांकों पर काम करेंगे।
इनमें से 179 का डेटा मंत्रालय द्वारा सत्यापित किया जा चुका है। विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक ने बताया कि प्रदेश के 10 गांवों की पंचायतों का डाटा एकत्रित करने का पूर्वाभ्यास किया जा चुका है। जल्द ही सभी पंचायतों का डाटा इकट्ठा कर लिया जाएगा।
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