Naya Haryana News , चंडीगढ़: डेंटल और एचसीएस भर्ती घोटाले में हुए नए खुलासे ने स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार के दौरान ग्रुप-डी से लेकर एचसीएस तक के पद बेचे जा रहे हैं।
भर्ती के नाम पर यह सरकार सिर्फ घोटाले और पारदर्शिता के नाम पर सिर्फ ड्रामा व झूठा प्रचार कर रही है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा एचपीएससी के भर्ती घोटालों की जांच में हुए ताजा खुलासों पर टिप्पणी कर रहे थे। उ
नका कहना है कि फॉरेंसिक जांच के बाद खुद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माना है कि 2021 में हुई डेंटल सर्जन और हरियाणा सिविल सेवा भर्ती में करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ और उम्मीदवारों की ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ की गई।
इसी भर्ती के दौरान एचपीएससी कार्यालय में एक करोड़ से ज्यादा की रकम पकड़ी गई थी। आरोपी से करीब साढे तीन करोड रुपए मिले थे। बावजूद इसके सरकार भर्ती घोटाले की बात से इनकार करती रही। एक के बाद एक हो रहे खुलासों के बावजूद सरकार भर्ती संस्थाओं में बैठे लोगों को क्लीन चिट देती रही।
मौजूदा सरकार के दौरान 9 साल में करीब 30 भर्तियों के पेपर लीक के साथ-साथ ओएमआर शीट से छेड़छाड़ और कैश फॉर जॉब जैसे अनगिनत घोटाले सामने आ चुके हैं। लेकिन अब तक सरकार ने उच्च पद पर विराजमान किसी भी व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं की।
बार-बार सामने आ रहे घोटालों के बाद जनता को गुमराह करने के लिए सरकार द्वारा खानापूर्ति की खातिर इक्का-दुक्का करिंदों पर दिखावे की कार्रवाई की जाती है और बड़े घोटालेबाजों को बचा लिया जाता है। यह इस सरकार का मॉडस ऑपरेंडी बन गया है।
सच्चाई यह है कि खुद भर्ती संस्थाओं के अंदर बैठकर लोग नौकरियों की बोली लगा रहे हैं। क्या यह सरकार के संरक्षण बिना संभव है? क्यों सरकार हाई कोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच नहीं करवा रही?
अगर सरकार की भूमिका पाक-साफ है तो फिर वह जांच से क्यों भाग रही है? स्पष्ट है कि भर्तियों की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। बीजेपी-जेजेपी को जनता की अदालत में इन घोटालों का जवाब देना पड़ेगा।
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