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सीएम खट्टर के जनसंवाद कार्यक्रम में 1694 शिकायतें आई, 1532 शिकायतें अभी भी पेंडिंग, अनुराग ढांडा ने गठबंधन सरकार को घेरा

Anurag Dhanda


चंडीगढ़:  आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने वीरवार को पार्टी कार्यालय में प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि हरियाणा में खट्टर सरकार पैरालिसिस की स्थिति में है और प्रदेश के लोगों का समर्थन खो चुकी है। इसलिए किसी भी विभाग का कोई भी मंत्री अपनी जिम्मेदारियों का ठीक से निर्वहन नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर ने 22 जिलों जनसंवाद कार्यक्रम किए, उसमें नगर निगम से 1694 शिकायतें मिली उनमें से 1532 शिकायतें अभी तक पेंडिंग हैं। जब सीएम खट्टर जनसंवाद के लिए गए तो लोगों में उम्मीद जगी कि उनकी जो फाइलें सरकारी दफ्तरों में अटकी हुई हैं उनका कुछ समाधान निकलेगा, लेकिन लोगों की शिकायतों को कोई समाधान नहीं हुआ। इसका मतलब मुख्यमंत्री खट्टर का जनसंवाद पूरी तरह से फेल हो गया। 


उन्होंने कहा कि दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल 83 हजार बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा करवा चुके हैं, उनकी नकल करके जब हरियाणा में अमित शाह आए तो उन्होंने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की घोषणा की, लेकिन नकल के लिए अकल की जरुरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में अनाउंस होने के बाद पंजाब सरकार की तरफ से तीर्थ यात्रा के लिए ट्रेन रवाना कर दी और अगले 95 दिनों में 53 हजार पंजाब के बुजुर्ग तीर्थ यात्रा पर जाएंगे। जबकि हरियाणा में एक भी तीर्थ यात्री खट्टर सरकार की अनाउंस की गई योजना में तीर्थ दर्शन करने के लिए नहीं गया है और न अभी तक कोई योजना है कि कब भेजेंगे। यानी केंद्रीय गृह मंत्री की मौजूदगी में हुई घोषणा के बाद भी हरियाणा सरकार योजना को जमीन पर लागू नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि अब लोगों का समर्थन सरकार के साथ नहीं है, इसलिए सरकार मानसिक रुप से दबाव में है। 


इसके अलावा उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर ने घोषणा की कि एक लाख 80 हजार तक वार्षिक आय वाले परिवार की बेटियों को कॉलेज में मुफ्त शिक्षा देंगे और जिनकी 1 लाख 80 हजार से तीन लाख तक वार्षिक आय है उनको फीस में 50% छूट दी जाएगी। आम आदमी पार्टी ने तब भी कहा था कि ये योजना नही केवल घोषणा है, इसमें होगा कुछ नहीं। क्योंकि मुफ्त शिक्षा का अधिकार सबको है, यदि कोई गरीब लड़का पढ़ना चाहता है तो क्या उसको मुफ्त शिक्षा का अधिकार नहीं है? इसे लड़कियों तक सीमित क्यों किया गया और इसमें 1 लाख 80 हजार की कैप क्यों लगाई? उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का मानना है कि मुफ्त शिक्षा सबका अधिकार है और आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर हरियाणा में पैदा हुए हर बच्चे को मुफ्त और अच्छी शिक्षा दी जाएगी।


उन्होंने कहा कि गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पूरी रिसर्च करके 372 पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक आदेश लागू नही हो पाए। यदि किसी प्रदेश का गृहमंत्री अपने ही अधीन आने वाली पुलिस से ठीक से ड्यूटि न करने वाले 372 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड नहीं करा पा रहे तो इसका मतलब गृह मंत्री के तौर पर अनिल विज काम नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा उनके स्वस्थ्य मंत्रालय में पिछले 56 दिनों में सिर्फ 2 फाइलें पास हुई हैं। उन्होंने कहा कि अनिल विज के स्वास्थ्य मंत्रालय में अलग अलग प्रोजेक्ट से संबंधित 2500 फाइलें पेंडिंग है। इसका मतलब अनिल विज स्वास्थ्य मंत्रालय भी नहीं चला पा रहे हैं। 


उन्होंने कहा कि अगला विभाग शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर का आता है, वो कहते थे कि हरियाणा के स्कूलों का दिल्ली के स्कूलों के साथ तुलना कर लीजिए, जब आम आदमी पार्टी ने उनको हरियाणा के किसी भी स्कूल में विजिट करने की तो वे भाग खड़े हुए। उन्होंने कहा कि सच छिपाने से नहीं छिपता। हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट के आदेश से ये साफ हो गया जब 5 लाख रुपए का जुर्माना हरियाणा सरकार पर लगाया। जिस कारण लगाया वो बहुत ही शर्मनाक है। प्रदेश के 538 सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय नहीं है और 1047 स्कूलों में लड़कों के शौचालय नहीं है। 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन ही नहीं है और प्रदेश के 131 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है। हरियाणा के स्कूलों में ना टीचर है ना ही स्टाफ व बाकी फैसिलिटी है। इन सभी वजहों से पोल खुल गई है कि हरियाणा का शिक्षा मंत्रायल भी ठप पड़ा है, यानी शिक्षा मंत्री भी इस सरकार में अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। 


उन्होंने कहा कि यदि आबकारी मंत्रालय की बात करें तो जो डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के अधीन आता है। पूरे प्रदेश ने देखा कि यमुनानगर में जहरीली शराब पीने से 25 लोगों की मोत हो गई। लेकिन इनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी। इससे पहले पानीपत, सोनीपत और सिरसा में भी मामले सामने आए थे। यदि सरकार की नाक के नीचे इतनी जगह पर शराब के केस आ रहे हैं। इसके बाद जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, कहा गया कि 466 से ज्यादा जगह पर छापेमार कर एफआईआर दर्ज की गई। क्या 466 लोग बिना किसी सरकार सरपरस्ती और बिना की नेता का हाथ हुए अपने दम पर काम कर रहे थे? क्या हरियाणा में कानून का राज नहीं है? इसका मतलब है कि सरकार केवल प्यादों को पकड़कर मामंले को रफ़ा दफा करने में लगी है। सीबीआई और ईडी से जांच नहीं करवान चाहती। क्योंकि हरियाणा सरकार शराब घोटाले के किंगपेन को बचाना चाहती है।

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