हरियाणा गठन के समय से अंबाला छावनी प्रदेश की उन सीटों में से एक है जहां पर भाजपा की शुरू से मजबूत पकड़ रही है। हरियाणा विधानसभा के अब तक हुए कुल 13 चुनाव में से यहां पर कांग्रेस केवल 5 बार जीत हासिल कर सकी है। शेष समय यहां पर भाजपा या जन संघ की विचारधारा वाले उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है।
सुषमा स्वराज को टक्कर देने वाले स्वामी अग्निवेश ने रिक्शा पर हुए चुनाव प्रचार को याद किया जाता है।
6 बार अनिल विज चुनाव जीते
अम्बाला छावनी विधानसभा सीट पर पंजाबी वर्ग का वर्चस्व रहा है। हरियाणा बनने के बाद अंबाला कैंट सीट पर हुए 14 विधानसभा चुनाव में से 10 बार पंजाबी समुदाय से विधायक बने। दो बार सुषमा स्वराज (ब्राह्मण) और एक बार देवेंद्र बंसल (बनिया) यहां से चुनाव जीते। 6 बार अनिल विज चुनाव जीते हैं।
राजनीति में आने से पहले अनिल विज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी करते थे और कर्मचारी यूनियन में सक्रिय रहते थे।
हरियाणा में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से अनिल विज एक हैं। 2009 की विधानसभा में पार्टी के 4 विधायकों में एक वे भी थे। 2014 में भी वे पार्टी के सबसे मजबूत उम्मीदवारों में से थे। 1990 में जब उन्होंने यहां से पहले चुनाव लड़ा था तब से हर चुनाव में या तो जीते हैं या दूसरे स्थान पर रहे हैं।
1990 में सुषमा स्वराज के राज्यसभा में चुने जाने के बाद उपचुनाव में पहली बार अनिल विज को अवसर मिला था।
1991 में मिली अनिल विज को हार
1991 का चुनाव भी भाजपा की टिकट पर लड़ा पर हार गए। इसके बाद उन्होंने 1996 और 2000 का चुनाव निर्दलीय लड़ा और जीते। 2005 में अनिल विज आजाद लड़ते हुए कांग्रेस के डी बंसल से सिर्फ 615 वोटों से हार गए. 2009 में 18 साल बाद विज ने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा। 2009 और 2014 में चुनाव जीतकर 5वीं बार विधायक बने और 2019 में छठी बार विधायक चुने गए और मंत्री बनी।
इस सीट पर जनसंघ का प्रभाव
अम्बाला छावनी मुख्यतः शहरी सीट है। शहर में जनसंघ का प्रभाव होने के कारण इस सीट पर भाजपा में इस सीट से कांग्रेस पर भारी पड़ती रही है। हालांकि कांग्रेस के अंबाला छावनी के स्थानीय पंजाबी व बनिया समुदाय के उम्मीदवारों ने भाजपा को कई बार टक्कर दी है। लेकिन पिछले दो चुनावों से नग्गल हल्के से आए पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के लिए शहरी वोटरों को आकर्षित करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
कांग्रेस व भाजपा के अलावा छावनी विधानसभा सीट पर किसी राजनीतिक पार्टी का जनाधार नहीं है।
चर्चित चेहरे
बीजेपी- अनिल विज, नीता खेड़ा, पूर्व जिला अध्यक्ष व हरियाणा लोकसेवा आयोग की सदस्य, अरुण
इनेलो- ओंकार सिंह
कांग्रेस- निर्मल सिंह, चित्रा सरवारा, वेणु अग्रवाल, पूर्व निगम पार्षद परविंदर सिंह परी।
प्रमुख जातियों का वोट बैंक
एससी-बीसी 60000
पंजाबी- 25000
बनिया- 35000
सिख - 20000
राजनीतिक इतिहास
1967 डीआर आनन्द कांग्रेस
1968 भगवान दास भाजपा
1972 हंसराज सूरी कांग्रेस
1977 सुषमा स्वराज जपा
1982 रामदास धमीजा कांग्रेस
1987 सुषमा स्वराज भाजपा
1991 ब्रिज आनन्द कांग्रेस
1996 अनिल विज आजाद
2000 अनिल विज आजाद
2005 देवेंद्र बंसल कांग्रेस
2009 अनिल विज भाजपा
2014 अनिल विज भाजपा
2019 अनिल विज
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