नई दिल्ली: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार बेटियों के उत्थान के लिए संकल्पबद्ध है। बेटियां देश व समाज के निर्माण में बराबर की भूमिका निभाएंगी, तब ही हम 21वीं सदी के नये भारत का निर्माण कर पाएंगे।
यह बात हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने नई दिल्ली से ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सूबे में चल रही अनेक योजनाओं के लाभार्थियों से सीधा संवाद के दौरान कही।
संवाद के दौरान इस योजना का लाभ लेने वाले परिवारों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शगुन की राशि हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है। किसी भी गरीब परिवार के लिए बेटी का विवाह बड़ी चिंता का विषय होता है।
शगुन के तौर पर आर्थिक सहायता मिलने से कई परिवारों को बेटी की शादी की चिंता से मुक्त कर दिया है।
लाभार्थियों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को इस चिंता से मुक्त करने के लिए अक्तूबर, 2015 से मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना की शुरुआत की थी।
प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के रूप में गरीब व जरूरतमंद परिवारों को बेटियों की शादी में आर्थिक सहायता देकर अहम योगदान दे रही है।
पिछले साढ़े 8 सालों में 2 लाख 58 हजार कन्याओं के विवाह में शगुन के तौर पर 821 करोड़ रुपये की राशि दी है।
राज्य सरकार विभिन्न श्रेणियों में 31 हजार रुपये से लेकर 71 हजार रुपये तक की राशि विवाह शगुन योजना के तहत लाभार्थियों को दी जा रही है।
यह शगुन राशि 1 लाख 80 हजार रुपये से कम वार्षिक आय वाले सभी बीपीएल परिवारों की बेटियों की शादी पर दी जाती है। पहले यह लाभ केवल दो बेटियों के लिए दिया जाता था, लेकिन मौजूदा सरकार ने सब बेटियों को देने का प्रावधान किया है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बेटियों के उत्थान के लिए संकल्पबद्ध है। समाज व देश के निर्माण में आज बेटियां बराबर की भूमिका निभा रही हैं। बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं है।
सीएम ने कहा कि बेटियों को स्वाबलंबी और सशक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है और इन्हीं में से एक आपकी बेटी-हमारी बेटी नामक योजना है।
आपकी बेटी-हमारी बेटी योजना के तहत दी जाती है 21 हजार रुपये की राशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने आपकी बेटी-हमारी बेटी योजना के अंतर्गत बेटी के जन्म पर ही उसके नाम 21,000 रुपये की राशि देने का प्रावधान किया है।
अनुसूचित जाति तथा गरीब परिवारों को पहली बेटी के जन्म पर 21,000 रुपये तथा अन्य सभी परिवारों को दूसरी व तीसरी बेटी के जन्म पर 21,000 रुपये की राशि दी जाती है।
यह राशि बेटी के नाम भारतीय जीवन बीमा निगम में एकमुश्त जमा करवाई जाती है। उसकी आयु 18 वर्ष होने पर उसे लगभग 1 लाख रुपये की राशि मिलेगी।
उन्होंने कहा कि बेटी जब 18 वर्ष की होती है तो उसकी तकनीकी अथवा उच्चतर शिक्षा या शादी के लिए काफी पैसे की जरूरत पड़ती है। इसकी व्यवस्था के लिए सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना चलाई है।
इसमें प्रति वर्ष 250 रुपये से लेकर 1.50 लाख रुपये तक की राशि जमा की जा सकती है। इस राशि पर 8 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज दिया जाता है।
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