Breaking News: हरियाणा में 100 करोड़ के सहकारिता विभाग में हुए घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल एक्शन मोड में आ गए हैं।
उन्होंने खुद पूरे मामले की कमान संभाली है और विभाग के मंत्री डॉ. बनवारी लाल को तलब किया है। इस दौरान उन्होंने मंत्री से करीब एक घंटे तक इस मामले पर गहन पूछताछ की।
बताया जा रहा है कि मंत्री ने अपनी सफाई में कहा है कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी ही नहीं थी।
जानकारी के मुताबिक, सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया है कि सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी, उनके निर्देश पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी और किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने बताया कि तीन अधिकारियों की बर्खास्तगी की फाइल मुख्यमंत्री को भेज दी गयी है। एंटी क्राइम ब्रांच के मुताबिक बताया जा रहा है कि यह घोटाला 100 करोड़ रुपये से बढ़कर करीब 180 करोड़ रुपये तक हो सकता है, जबकि यह घोटाला 2018 से 2021 के बीच का है जिसमें एकीकृत सहकारी विकास परियोजना शामिल है।
एंटी क्राइम ब्रांच के मुताबिक इस मामले में अधिकारी बार-बार अपने बयान बदल रहे हैं और पैसे वापस दिलाने की बात कर रहे हैं, जबकि उनके पास इस मामले में पुख्ता सबूत हैं कि यह घोटाला इससे भी बड़ा हो सकता है।
एंटी क्राइम ब्रांच के मुताबिक अधिकारियों ने इस पैसे से फ्लैट और जमीन आदि खरीदी, जबकि मामले को छिपाने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा कर खानापूर्ति करने का काम किया गया।
इस संबंध में आरोपी के खिलाफ अंबाला में करनाल रेंज में विभिन्न धाराओं के तहत 11 मामले भी दर्ज हैं। इस घोटाले में नोडल अधिकारी नरेश गोयल को बर्खास्त कर दिया गया है। उनके स्थान पर योगेश शर्मा को सहायक कुलसचिव नियुक्त किया गया है।
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