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खट्टर सरकार में ‘खटारा’ हुई कानून व्यवस्था, हरियाणा बना महिलाओं के लिए दूसरा सबसे असुरक्षित राज्य!

NCRB REPORTS
सांकेतिक तस्वीर।


चंडीगढ़: भले ही सरकारे ये दावा करती रही हो कि उन्होंने कानून व्यवस्था के बनाए रखा है और खासकर महिलाओं के खिलाफ अपराध कम कर दिया है तो ये सरासर गलत होगा। क्योंकि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी)-2022 की रिपोर्ट के अनुसार, देश में दिल्ली और हरियाणा महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित हैं, जहां प्रति लाख महिलाओं पर सबसे ज्यादा अपराध रिकॉर्ड किए गए है। दिल्ली में  144.4 और हरियाणा में 118.7 अपराध की घटनाएं दर्ज की जाती हैं।


आपको बता दें कि यहां दोनों राज्यों में बीजेपी सरकार के पास कानून व्यवस्था है। जहां हरियाणा में गठबंधन सरकार के पास पुलिस है तो वहीं दिल्ली में केंद्र की बीजेपी सरकार के पास पुलिस है। ऐसे दोनों राज्यों में कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल होती नजर आ रहा है।


हरियाणा में 2.43 लाख मामले दर्ज


हरियाणा में 2.43 लाख मामले दर्ज किए गए, जिनमें भारतीय दंड संहिता और विशेष और स्थानीय कानूनों के तहत मामले शामिल हैं। यह 2021 के आंकड़े से 17.6 फीसदी ज्यादा है जब 2.06 लाख मामले दर्ज किए गए थे।


हरियाणा में 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 16,743 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में 16,658 मामले दर्ज किए गए, जो 0.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। हालाँकि, ऐसे अपराधों में पुलिस द्वारा आरोपपत्र दाखिल करने की दर मात्र 57.2 है, जो असम और राजस्थान के बाद देश में तीसरी सबसे खराब है। 


दोषसिद्धि दर गिरकर 13.2 प्रतिशत हो गई, जबकि अदालतों में लंबित मामले 90% थे। 2022 में कम से कम 1,787 बलात्कार के मामले (जहां पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से अधिक है) दर्ज किए गए। यानी प्रति दिन करीब पांच रेप की घटानाएं। इसमें 180 सामूहिक बलात्कार की घटनाएं और एक ही महिला से बार-बार बलात्कार के 729 मामले शामिल थे। 


रिपोर्ट में कहा गया है कि 98% से अधिक मामलों में, अपराधी पीड़ित का परिचित था। 2021 में राज्य में 1,716 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए।



NCRB रिपोर्ट-2022: अपराध की राजधानी


  • 2022 में दिल्ली में आईपीसी और विशेष और स्थानीय कानूनों के तहत महिलाओं के खिलाफ अपराध के 14,247 मामले दर्ज किए गए।
  • प्रति लाख महिला आबादी पर 144.4 घटनाएं (अपराध दर) दर्ज की गईं। यह दिल्ली को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित बनाता है।
  • 1,212 बलात्कार के मामले, 131 दहेज हत्या की एफआईआर, 3,917 अपहरण की एफआईआर और 4,901 पति द्वारा क्रूरता के मामले दर्ज किए गए।


वर्ष 2022 में 234 दहेज हत्याएं, नौ पीड़ितों से जुड़े एसिड हमले की छह घटनाएं, पति द्वारा क्रूरता के 5,883 मामले और 3,050 अपहरण और अगवा के मामले देखे गए। अपहरण के मामलों में महिलाओं पर शादी के लिए दबाव डालने की 1,041 घटनाएं शामिल हैं।


इसके अलावा, 2022 में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत बालिकाओं से बलात्कार के 1,264 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में यह संख्या 1,234 थी।



राज्य में 2022 में बच्चों के खिलाफ अपराध के कुल 6,138 मामले दर्ज किए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.7 प्रतिशत अधिक है। हालाँकि, दिल्ली (32.9) और चंडीगढ़ (37.2) के बाद पुलिस की चार्जशीट दर 41.6 प्रतिशत के साथ देश में तीसरी सबसे खराब थी।


बच्चों के साथ बलात्कार और हत्या की सात घटनाएं हुईं और हत्या की 61 एफआईआर हुईं। शिशुहत्या के पांच और भू्रणहत्या के 11 मामले सामने आए। गंभीर प्रवेशन यौन उत्पीड़न के शिकार 68 लड़के थे।


एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में राज्य में बच्चों के खिलाफ अपराध में सजा की दर 28.6 प्रतिशत थी और अदालतों में लंबित मामले 86.1 प्रतिशत थे।

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