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Rajasthan election 2023: राजस्थान में चुनाव से पहले ही जेजेपी को बड़े झटके, 25 उम्मीदावारों में बचे इतने प्रत्याशी

Rajasthan election 2023


Rajasthan assembly election 2023: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला भले ही दादा चौधरी देवीलाल चौटाला की राह पर चलते हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में पहली बार अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन नामांकन रद्द होने और मैदान छोड़ने के कारण अब 25 में से 20 उम्मीदवार मैदान में बचे हैं। 


घोषणा के बाद भी जेजेपी पांच विधानसभा क्षेत्रों से अपने उम्मीदवार नहीं उतार पा रही है।


इनमें पीलीबंगा से राजकुमार ने पारिवारिक दबाव के कारण अपना नामांकन वापस ले लिया और नवलगढ़ से प्रतिभा चौधरी का शपथ पत्र समय पर जमा नहीं हो सका। 


जेजेपी ने संपत सिंह राठौड़ को चूरू से अपना उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन नामांकन पत्र में त्रुटि के कारण वह अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह चाकसू से मांगेलाल खंडेलवाल नामांकन दाखिल नहीं कर सके। 


रायसिंह नगर से संजय बावड़ी भी तकनीकी कारणों से नामांकन दाखिल नहीं कर सके।



हरियाणा से सटे इलाकों से काफी उम्मीदें


जेजेपी को अब भादरा और हरियाणा से सटी अन्य सीटों से उम्मीदें हैं। हालांकि, पार्टी चौटाला गांव से सटे संगरिया विधानसभा क्षेत्र से कोई उम्मीदवार नहीं उतार सकी। 


यहां तक कि ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से सटे नोहर विधानसभा क्षेत्र में भी वह कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं कर पाई। फिर भी कुछ सीटों पर जेजेपी की नजर कांग्रेस और बीजेपी के वोट बैंक पर है।


जननायक जनता पार्टी के हरियाणा अध्यक्ष चौधरी निशान सिंह का मानना है कि राजस्थान में चौधरी देवीलाल का आज भी रुतबा है। वह सीकर से सांसद थे। नोखा में भी राजनीतिक आधार है। 


उनका कहना है कि पार्टी ने पहली बार राजस्थान में 25 उम्मीदवारों की घोषणा की थी, लेकिन उनमें से कुछ के नामांकन खारिज हो गए, जबकि कुछ ने पार्टी छोड़ दी। उनके वोटर सिर्फ जाट ही नहीं बल्कि अनुसूचित और मुस्लिम समुदाय के लोग भी हैं। 


उनका मानना है कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच वोटों के बंटवारे से उन्हें फायदा होगा। खुद हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला एक महीने से लगातार राजस्थान में चुनाव प्रचार कर रहे हैं।


जेजेपी के मैदान में आने से यहां दिलचस्प मुकाबला हुआ


दांतारामगढ़ से डॉ. रीटा सिंह जेजेपी प्रत्याशी हैं, जबकि उनके पति वीरेंद्र सिंह कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं। डॉ. रीता सिंह जिला परिषद की अध्यक्ष रह चुकी हैं। जेजेपी ने नीम का थाना विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के बागी रघुबीर सिंह तंवर को मैदान में उतारा है। 


इसी तरह, फ़तेहपुर से जेजेपी उम्मीदवार नंद किशोर महरिया की राजनीतिक पृष्ठभूमि मजबूत है। हालांकि, उनके भाई सुभाष महरिया लक्ष्मणगढ़ से बीजेपी उम्मीदवार हैं।


जानिए कहां से लड़ रहे हैं जेजेपी के उम्मीदवार चुनाव


विधानसभा          प्रत्याशी

सूरतगढ़                पृथ्वीराज मील

भादरा                   कार्तिकेय चौधरी

खाजूवाला              सीताराम नायक

तारानगर               विनय कुमार शर्मा

फतेहपुर                नंद किशोर महरिया

दांतारामगढ़           डॉ. रीटा सिंह

सीकर                   बरकद मोहम्मद

खंडेला                   सरदार सिंह आर्य

नीम का थाना           रघुवीर सिंह तंवर

कोटपुतली              राम निवास यादव

झोटवाड़ा               दीन दयाल जाखड़

बगरू हरीश               डाबी

रामगढ़                 इजहार आलम

भरतपुर                 डॉ. मोहन सिंह

हिंडौन                  गायत्री कोली

महवा                   डॉ. आशुतोष झालानी

गंगापुर सिटी           ओमप्रकाश शर्मा

नसीराबाद               जीवराज जाट

सूरसागर                 इम्तयाज अहमद

कामां                      शमशूल हसन

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