Haryana EWS School Admissions 2025: शुरू होगा मुफ्त स्कूल एडमिशन और वित्तीय सहायता, जानें लेटेस्ट अपडेट
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और चिराग योजना के तहत छात्रों को मुफ्त शिक्षा और वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह पहल राज्य में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने और वंचित वर्ग के छात्रों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
EWS योजना: कक्षा 1 से 3 तक मुफ्त शिक्षा
- राइट टू एजुकेशन (RTE) एक्ट के तहत, कक्षा 1 से 3 तक के छात्रों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी।
- फरवरी 2025 से EWS योजना के तहत दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी।
- राज्य के प्राइवेट स्कूलों में EWS वर्ग के छात्रों को मुफ्त या कम फीस पर दाखिला मिलेगा।
चिराग योजना: कक्षा 4 से 12 तक आर्थिक सहायता
- चिराग योजना के तहत, कक्षा 4 से 12 तक के छात्रों को राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- योजना का लाभ उन्हीं छात्रों को मिलेगा जिनके परिवार की वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है।
- सहायता राशि:
- कक्षा 4 और 5: ₹700 प्रति माह।
- कक्षा 6 से 8: ₹900 प्रति माह।
- कक्षा 9 से 12: ₹1100 प्रति माह।
प्राइवेट स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया
- जैसे दिल्ली और चंडीगढ़ में प्राइवेट स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, वैसे ही हरियाणा में भी EWS छात्रों के लिए दाखिले शुरू किए जाएंगे।
- चिराग योजना के तहत नया सत्र शुरू होते ही दाखिला प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
दाखिला प्रक्रिया के चरण:
- आवेदन:
- अभिभावक और छात्र शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपनी सहमति दर्ज करेंगे।
- सीटों की जानकारी:
- स्कूलों में उपलब्ध सीटों की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।
- लकी ड्रॉ:
- अगर किसी स्कूल में सीटों से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, तो लकी ड्रॉ के माध्यम से छात्रों का चयन होगा।
तारीख की घोषणा बाकी
- फिलहाल, दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने की तारीख की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
- जैसे ही तारीख तय होगी, हरियाणा शिक्षा विभाग इसकी सूचना जारी करेगा।
- इच्छुक अभिभावक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
हरियाणा सरकार की यह पहल वंचित वर्ग के छात्रों को सशक्त बनाने और राज्य में शिक्षा को अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। EWS और चिराग योजना से न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, बल्कि उनके परिवारों पर वित्तीय बोझ भी कम होगा।