बागवानी किसानों की हुई मौज, अब हरियाणा में आई ऐसी मशीन, मिनटों में तोड़ पाएंगे ऊंचे से ऊंचे पेड़ से फल

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नया हरियाणा: हरियाणा के यमुनानगर जिले के अमादलपुर गांव में किसानों की खेती को और आसान बनाने के लिए एक नई तकनीकी मशीन का इस्तेमाल शुरू हुआ है। इस मशीन ने ऊंचे पेड़ों से फल तोड़ने और पत्तों की छंटाई जैसे श्रमसाध्य कार्यों को बेहद सरल और सुरक्षित बना दिया है। अमादलपुर के किसान अलवी सिंह ने इस नई हाइड्रोलिक मशीन को खरीदा है, और जिला उद्यान विभाग ने इसका सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया है।

देश में पहली बार किसी किसान ने खरीदी यह मशीन

जिला उद्यान अधिकारी कृष्ण कुमार ने बताया कि यह पहली बार है जब किसी भारतीय किसान ने इस मशीन को खरीदा है। बियंत फॉर्म के मालिक अलवी सिंह ने यह पहल की है। उनके बागों में आम, अमरूद, और अन्य फलों की पैदावार होती है। उन्होंने बताया कि इस मशीन के जरिए अब उच्च पेड़ों से फल तोड़ने और पत्तों की छंटाई का काम न केवल तेज होगा, बल्कि यह प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सुरक्षित भी होगी।

किसानों के लिए समस्या: ऊंचे पेड़ों से फल उतारने की चुनौती

फलों की खेती करने वाले किसानों को ऊंचे पेड़ों से फल इकट्ठा करने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

  • खतरे का जोखिम: किसान अक्सर सीढ़ी या डंडों का उपयोग करते हैं, जिससे कई बार गिरने और चोट लगने की संभावना रहती है।
  • समय की बर्बादी: पारंपरिक तरीकों से फल तोड़ने में काफी समय लगता है।
  • उत्पाद की क्षति: डंडों से फल तोड़ने पर कई बार फल खराब हो जाते हैं या जमीन पर गिरकर टूट जाते हैं।

नई मशीन के फायदे

1. समय की बचत:
यह मशीन फलों को तेज़ी से तोड़ती है, जिससे किसानों का समय बचता है। अब किसानों को घंटों तक पेड़ों के नीचे खड़े रहने की जरूरत नहीं होगी।

2. सुरक्षा:
सीढ़ियों पर चढ़ने की बजाय किसान सुरक्षित तरीके से मशीन का उपयोग कर सकते हैं, जिससे गिरने और चोट लगने जैसी दुर्घटनाओं का खतरा खत्म हो जाता है।

3. उत्पादकता में वृद्धि:
मशीन से काम तेज और प्रभावी तरीके से होता है, जिससे किसान अधिक फल इकट्ठा कर सकते हैं और उनकी मेहनत भी कम होती है।

मशीन की विशेषताएं और लागत

यह हाइड्रोलिक मशीन न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि इसके उपयोग से किसानों को फसल उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।

  • मशीन की कीमत लगभग 22 लाख रुपये है।
  • जिला उद्यान विभाग किसानों को इस मशीन पर 40-50% सब्सिडी प्रदान कर रहा है।
  • मशीन के संचालन और रखरखाव के लिए विशेषज्ञों द्वारा किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

अलवी सिंह की पहल: दूसरों के लिए प्रेरणा

अलवी सिंह ने बताया कि यह मशीन उनके बागों के काम को बेहद आसान और जोखिममुक्त बना देगी। पहले फलों को उतारने के लिए डंडों का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे फल खराब हो जाते थे। अब यह हाइड्रोलिक मशीन पेड़ों की ऊंचाई पर काम करके फलों को बिना नुकसान पहुंचाए उतारने और पत्तों की छंटाई में मदद करेगी।

कृषि क्षेत्र में तकनीकी विकास की दिशा

यह मशीन सिर्फ यमुनानगर या हरियाणा के किसानों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक कदम है।

  • कृषि स्वचालन:
    यह मशीन भारतीय खेती में स्वचालन (Automation) की शुरुआत को दर्शाती है।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा:
    ऐसी तकनीकें भारतीय किसानों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिलाने में सहायक होंगी।
  • समस्याओं का समाधान:
    यह तकनीकी समाधान न केवल मेहनत और समय बचाएगा, बल्कि किसानों की उत्पादकता और आय को भी बढ़ाएगा।

जिला उद्यान अधिकारी का बयान

जिला उद्यान अधिकारी कृष्ण कुमार ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा, "यह मशीन देशभर के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। परीक्षण के सफल परिणामों के बाद इसे अन्य जिलों और राज्यों में भी बढ़ावा देने की योजना है। इससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा और उनकी मेहनत भी कम होगी।"

नया युग: कृषि और तकनीक का समन्वय

यह पहल भारतीय कृषि के लिए एक नए युग की शुरुआत है। ऐसे प्रयास किसानों के जीवन को बेहतर बनाएंगे और भारत को कृषि क्षेत्र में तकनीकी रूप से उन्नत देशों की श्रेणी में लाने में मदद करेंगे।

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