ओम प्रकाश चौटाला के निधन से टूटी परिवार में एकता की उम्मीद, अभय को सौंपी गई राजनीतिक विरासत

Abhay-Chautala



चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और पांच बार इस पद को संभाल चुके ओम प्रकाश चौटाला का 20 दिसंबर को निधन हो गया। उनके निधन ने न केवल उनके समर्थकों को शोक में डाल दिया, बल्कि चौटाला परिवार में एकता की उम्मीदों को भी झटका दिया।

परिवार में बढ़ी दूरियां

ओम प्रकाश चौटाला के निधन के बाद 22 दिसंबर से 30 दिसंबर तक उनके गांव तेजा खेड़ा में परिवार ने सभी धार्मिक अनुष्ठान किए। हालांकि, इस दौरान उनके दोनों बेटों अभय और अजय के बीच दूरी साफ नजर आई।

  • अभय और उनके बेटे करन और अर्जुन ने अनुष्ठानों की जिम्मेदारी संभाली, जिसमें प्रार्थना और अस्थि विसर्जन शामिल थे।
  • वहीं, अजय के बेटे दुष्यंत और दिग्विजय केवल शोक समारोहों में शामिल हुए और मुख्य रूप से मेहमानों का स्वागत किया।

'पगड़ी' समारोह और विरासत का फैसला

31 दिसंबर को आयोजित 'पगड़ी' समारोह ने परिवार की एकता की उम्मीदों पर अंतिम प्रहार किया। इस अवसर पर अभय चौटाला को औपचारिक रूप से ओम प्रकाश चौटाला के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में घोषित किया गया। यह निर्णय चौटाला परिवार में राजनीतिक शक्ति का पुनर्वितरण साबित हुआ, जिससे भाइयों के बीच सुलह की संभावना और कम हो गई।


Abhay-Chautala


राकेश टिकैत ने की एकता की अपील

31 दिसंबर को किसान नेता राकेश टिकैत ने दोनों भाइयों को एक साथ आने का सुझाव दिया। हालांकि, अन्य नेताओं ने सहमति जताई कि अभय चौटाला को इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) का नेतृत्व करना चाहिए और चौटाला की विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए।

INLD के भविष्य की जिम्मेदारी

चौटाला परिवार के एक सूत्र के अनुसार, INLD का भविष्य अब अभय चौटाला और उनके बेटे अर्जुन (रानिया से विधायक) पर निर्भर है।

  • पार्टी को पुनर्जीवित करने की जिम्मेदारी इन दोनों पर है, खासकर तब जब पिछले कुछ वर्षों में पार्टी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।

JJP की चुनौतियां और भविष्य

दूसरी ओर, अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत और दिग्विजय अपनी पार्टी जननायक जनता पार्टी (JJP) को फिर से खड़ा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

  • 2019 में JJP ने 10 सीटें जीतकर और BJP के साथ गठबंधन कर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की थी।
  • हालांकि, 2024 के विधानसभा चुनावों में JJP एक भी सीट जीतने में नाकाम रही।
  • दुष्यंत और दिग्विजय, दोनों ही अपने-अपने क्षेत्रों से हार गए और अब पार्टी को पुनर्जीवित करने की चुनौती का सामना कर रहे हैं।

ओम प्रकाश चौटाला के निधन के बाद, उनके परिवार में राजनीतिक नेतृत्व की जिम्मेदारी अभय चौटाला को सौंपी गई है, जबकि अजय चौटाला के बेटे JJP को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं। चौटाला परिवार की आंतरिक दूरी ने हरियाणा की राजनीति में एक नई स्थिति पैदा कर दी है, जो आने वाले वर्षों में इसके भविष्य को प्रभावित कर सकती है।

Next Post Previous Post