मौसम अपडेट: हो जाएं तैयार, होने वाली है उत्तर भारत और मध्य भारत में सीजन की पहली बारिश, पश्चिमी विक्षोभ लाएंगे बड़ा बदलाव
नई दिल्ली: सर्दियों का मौसम पूरी तरह से अपनी चपेट में लेने वाला है, और उत्तर भारत तथा मध्य भारत में आगामी दिनों में बड़े मौसमी बदलाव होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 10-15 दिनों के भीतर तीन अलग-अलग पश्चिमी विक्षोभ (WD) पूरे उत्तर भारत को प्रभावित करेंगे, जिससे हल्की से तेज बारिश, ओलावृष्टि और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ का शेड्यूल:
पहला पश्चिमी विक्षोभ (22-25 दिसंबर):
यह विक्षोभ एक मध्यम श्रेणी का होगा, जो पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश लाएगा। इससे मैदानी इलाकों में कोहरा छाएगा और दिन के तापमान में ठंडक बढ़ेगी।दूसरा पश्चिमी विक्षोभ (25-30 दिसंबर):
यह पश्चिमी विक्षोभ सबसे ताकतवर होगा और उत्तर भारत के अलावा मध्य भारत (गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र) और पूर्वी भारत (बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल) में हल्की से मध्यम बारिश के साथ भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। इस विक्षोभ का प्रभाव सर्दी और कोहरे को बढ़ावा देगा।तीसरा पश्चिमी विक्षोभ (2-5 जनवरी):
नया साल हल्की बारिश के साथ शुरू हो सकता है। यह विक्षोभ मुख्यतः उत्तर भारत के मैदानी इलाकों को प्रभावित करेगा, जिससे ठंड बढ़ेगी और कोहरे का असर रहेगा।
असर और प्रभाव:
पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी:
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बर्फबारी की संभावना है, जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है। इसके साथ ही, इस बर्फबारी के कारण इन क्षेत्रों में सर्दी का मौसम और भी कड़ा होगा।मैदानी इलाकों में कोहरा और ठंड:
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के बाद, मैदानी इलाकों में बारिश के बाद घना कोहरा और धुंध कई दिनों तक बना रह सकता है। हालांकि, बारिश के पहले तापमान में अस्थायी वृद्धि हो सकती है, लेकिन बादल हटने के बाद ठंड अपने चरम पर पहुंच जाएगी।राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में सर्दी और बारिश का संगम:
इन राज्यों में लंबे समय बाद ठंड और बारिश का दुर्लभ मिश्रण देखने को मिलेगा। यहां ओलावृष्टि और बारिश दोनों का असर देखा जा सकता है, जो मौसम को और सर्द बना देगा।दक्षिण भारत में भी बदलाव:
यह पश्चिमी विक्षोभ दक्षिणी भारत के हिस्सों जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में हल्की बारिश भी लेकर आ सकता है, जिससे इन क्षेत्रों में मौसम में हल्का बदलाव हो सकता है।
आने वाले दिनों में मौसम में यह बड़ा बदलाव न केवल भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि सर्दियों का मिजाज भी पूरी तरह बदल जाएगा। जनवरी में कई पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आ सकते हैं, जिससे आगामी महीनों में सर्दी और बारिश का समागम देखने को मिलेगा। यह मौसम न केवल किसानों और आम लोगों के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि पर्यावरणीय बदलावों का भी संकेत देगा।