Shambhu Border Farmer Protest: किसान ने सल्फास खाकर दी जान, ये है असली वजह

Farmer Protest


Shambhu Border Farmer Protest: हरियाणा-पंजाब का शंभू बॉर्डर किसान आंदोलन के कारण पिछले 10 महीनों से बंद है। इस मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इसके अलावा, 23 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर भी चर्चा की जाएगी।

आंदोलन के दौरान किसान की आत्महत्या

शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच 57 वर्षीय किसान रणजोध सिंह ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। घटना 14 दिसंबर की है, जब गंभीर हालत में उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। रणजोध सिंह आंदोलन में लंगर सेवा का प्रबंधन कर रहे थे और दिल्ली कूच के जत्थे में भी शामिल थे।

दिल्ली कूच के दौरान पुलिस ने किया बल प्रयोग

रणजोध सिंह 14 दिसंबर को दिल्ली कूच करने वाले 101 किसानों के जत्थे का हिस्सा थे। लेकिन जब जत्था शंभू बॉर्डर पार कर आगे बढ़ा, तो हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस दौरान करीब 10 किसान घायल हो गए। घटना के बाद किसानों ने दिल्ली कूच को फिलहाल स्थगित कर दिया।

आर्थिक तंगी से जूझ रहा था किसान

रणजोध सिंह, जो गांव रतनहेड़ी, खन्ना (लुधियाना) के निवासी थे, आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे।

  • उनके पास लगभग 6.5 एकड़ जमीन थी, जिसे उन्होंने अपनी बहन की शादी और घर बनाने के लिए बेच दिया था।
  • उनके परिवार पर लगभग 5-7 लाख रुपये का कर्ज था, जो उन्होंने रिश्तेदारों और दोस्तों से लिया था।
  • उनके भाई की गंभीर बीमारी ने परिवार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाल दिया था।

आंदोलन में गहराता संकट

रणजोध सिंह की मौत ने किसान आंदोलन की कठिन परिस्थितियों और किसानों के सामने मौजूद वित्तीय संकट को फिर से उजागर किया है। आज सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई के दौरान आंदोलन से जुड़े पहलुओं पर चर्चा होने की उम्मीद है।

किसानों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा। रणजोध सिंह की आत्महत्या ने किसानों के जीवन पर बढ़ते दबाव को एक बार फिर सामने ला दिया है।

Next Post Previous Post