मंत्री कृष्ण लाल पंवार के आगे गिड़गिड़ाया भाजपा नेता, हाथ जोड़कर बोले- 'तहसीलदार के खिलाफ कोई तो एक्शन लो मेरी इज्जत का सवाल है'


BJP Leader

Haryana News:
हरियाणा के हिसार में आज जनपरिवाद समिति की बैठक के दौरान एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। बैठक में विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार शिकायतें सुनने पहुंचे। इस दौरान भाजपा के पूर्व जिला सचिव लक्ष्मी नारायण उर्फ घोलू गुर्जर ने तहसीलदार पर दुर्व्यवहार और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मंत्री के सामने हाथ जोड़कर अपनी बात रखी।

तहसीलदार पर गंभीर आरोप

घोलू गुर्जर ने शिकायत की कि तहसीलदार राकेश मलिक ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और ऑफिस में पानी पीने पर अपमानित किया। उन्होंने कहा, "तहसीलदार ने पूछा कि मेरी इजाजत के बिना पानी कैसे पी लिया?" घोलू ने यह भी कहा कि वह भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और उनकी पार्टी के लिए ईमानदारी से काम करने के बावजूद इस तरह का व्यवहार उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाता है।

भाजपा नेताओं ने किया समर्थन

बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक सैनी और ग्रीवेंस कमेटी के अन्य सदस्यों ने भी तहसीलदार पर दुर्व्यवहार के आरोप लगाए। मंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम ज्योति मित्तल की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की। इसमें जिलाध्यक्ष और बार एसोसिएशन के प्रधान को शामिल किया गया है। मंत्री ने कहा कि अगर जांच में तहसीलदार दोषी पाए गए तो उन्हें सस्पेंड किया जाएगा।

पिछली घटना का जिक्र

यह विवाद 6 दिन पहले तहसील कार्यालय में शुरू हुआ था, जब तहसीलदार और घोलू गुर्जर के बीच कहासुनी हो गई थी। मामला इतना बढ़ा कि पुलिस और वकीलों को मौके पर बुलाना पड़ा। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। इस घटना के बाद वकीलों ने बार में वर्क सस्पेंड कर दिया था, जो अभी तक जारी है।

डीसीएम मिल के खिलाफ शिकायत

बैठक में बुरे गांव की कुसुम ने शिकायत की कि मिर्जापुर रोड पर खरीदे गए उनके प्लॉट पर डीसीएम मिल ने दीवार खड़ी कर कब्जा कर लिया है। मंत्री ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई, जिसमें जिला रजिस्ट्रार, एडिशनल एसपी, और नायब तहसीलदार को शामिल किया गया। कमेटी को अगली बैठक तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया।

बिजली निगम के सामने दुकानों पर कार्रवाई

ग्रीन पार्क निवासी अनिता गोस्वामी ने बैठक में बताया कि बिजली कनेक्शन की फाइल तैयार करने के नाम पर उनसे 21,300 रुपए लिए गए, लेकिन बाद में निगम ने फाइल को डुप्लीकेट बताते हुए रिजेक्ट कर दिया। अनिता ने कहा कि बिजली निगम के अधिकारियों ने ही फाइल तैयार करवाने के लिए निगम के सामने मौजूद दुकानों की सिफारिश की थी। इस पर मंत्री ने एसपी को जांच कर दोषी दुकानदारों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।

15 शिकायतें दर्ज, 7 का निपटारा

बैठक में कुल 15 शिकायतें रखी गईं, जिनमें से 7 का निपटारा कर दिया गया। शेष 8 शिकायतों पर जांच कमेटी गठित की गई है। मंत्री ने कहा कि सभी मामलों में पारदर्शिता से कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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