किसान आंदोलन को लेकर बड़ी अपडेट, सरवन सिंह पंधेर ने एसकेएस को साथ आने के लिए की अपील
किसानों का प्रदर्शन। |
Farmer Protest: पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को पत्र लिखकर पंजाब-हरियाणा सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन करने और एकजुट होकर केंद्र सरकार से अपनी मांगें मनवाने का आह्वान किया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब एसकेएम के नेता राकेश टिकैत ने किसानों से एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील की है।
'दिल्ली चलो' मार्च और किसानों का धरना
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। ये किसान दिल्ली की ओर मार्च करना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें सीमा पर रोक दिया। किसानों के 101 सदस्यीय जत्थे ने 6 और 8 दिसंबर को दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक दिया।पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "हमने उन भाइयों से हाथ मिलाने की पेशकश की है जो दिल्ली आंदोलन-2 (दिल्ली चलो मार्च) में शामिल नहीं हो सके। हमने उन्हें किसानों और मजदूरों के हित में पुराने मतभेदों को भूलने के लिए कहा है।"
उन्होंने बताया कि एसकेएम को एकजुटता का प्रस्ताव पहले भी दिया गया था, लेकिन विभिन्न कारणों से इसे तब अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।
साल 2020 के आंदोलन की याद
साल 2020 में पंजाब और आसपास के अंबाला के किसानों ने शंभू बॉर्डर पर पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली की ओर मार्च किया था। मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर सालभर तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया था।जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल
खनौरी बॉर्डर पर 70 वर्षीय किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 26 नवंबर से भूख हड़ताल पर हैं। डल्लेवाल, जो कैंसर के मरीज हैं, अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं। उनकी प्रमुख मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी शामिल है।डल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए पंजाब कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा, पार्टी सांसद धर्मवीर गांधी, हरियाणा कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट, अकाली नेता सुरजीत सिंह रखड़ा और किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी खनौरी पहुंचे। बाजवा ने कहा, "डल्लेवाल जी की निःस्वार्थ सेवा और दृढ़ता ने मुझे गहराई से प्रेरित किया। कांग्रेस किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है और उनके संघर्ष में हर संभव समर्थन देगी।"
किसानों की अन्य प्रमुख मांगें
किसानों की मांगों में एमएसपी की कानूनी गारंटी के अलावा कर्ज माफी, किसानों और मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली शुल्क में वृद्धि न करना, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाना शामिल हैं। इसके साथ ही, वे भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 के आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।23 दिसंबर को होगा धरना प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहन ने घोषणा की कि वे 23 दिसंबर को जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करेंगे। यह विरोध शंभू बॉर्डर पर किसानों पर आंसू गैस और पानी की बौछार का इस्तेमाल करने के खिलाफ होगा।किसानों का यह आंदोलन उनके हक और अधिकारों की लड़ाई को नई मजबूती दे रहा है, जिसमें सभी किसान संगठनों की एकजुटता जरूरी है।