हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

Haryana OP Chautala


सिरसा: हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे ओम प्रकाश चौटाला का शनिवार को उनके पैतृक गांव तेजा खेड़ा में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिम संस्कार में देशभर के कई राजनीतिक दिग्गज और उनके समर्थक शामिल हुए। अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़ ने इस मौके को बेहद भावुक बना दिया।

तेजा खेड़ा में हुआ अंतिम संस्कार

ओम प्रकाश चौटाला का अंतिम संस्कार उनके निवास स्थान तेजा खेड़ा गांव के शमशान घाट में किया गया। इस दौरान उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई। उनके पार्थिव शरीर को सुबह 8 बजे अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, जहां हजारों समर्थकों और शुभचिंतकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। दोपहर में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

परिवार और समर्थक हुए भावुक

अंतिम संस्कार के दौरान उनके परिवार के सभी सदस्य, जिसमें उनके बेटे अभय सिंह चौटाला और अजय सिंह चौटाला शामिल थे, बेहद भावुक नजर आए। अभय सिंह चौटाला उनके पार्थिव शरीर के साथ अंतिम समय तक मौजूद रहे। ओपी चौटाला के निधन की खबर से पूरे हरियाणा में शोक की लहर दौड़ गई थी।

राजकीय शोक का ऐलान

हरियाणा सरकार ने उनके सम्मान में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। इसके तहत सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और अन्य संस्थानों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया। 21 दिसंबर को हरियाणा में अवकाश भी घोषित किया गया।

देशभर से पहुंचे राजनीतिक दिग्गज

ओम प्रकाश चौटाला के अंतिम संस्कार में देशभर के कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियां शामिल हुईं। पूर्व उप-प्रधानमंत्री देवीलाल के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर ओम प्रकाश चौटाला ने हरियाणा की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस मौके पर विभिन्न दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने व्यक्त की संवेदना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओपी चौटाला के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उनके साथ बिताए पुराने पलों को याद किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर साझा कर कहा, "ओपी चौटाला जी का हरियाणा की राजनीति में बड़ा योगदान था। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है।"

राजनीतिक करियर पर एक नजर

ओम प्रकाश चौटाला का राजनीतिक करियर करीब चार दशकों तक चला। वे पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे और अपने कार्यकाल में उन्होंने ग्रामीण विकास, शिक्षा, और कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया। चौटाला परिवार हरियाणा की राजनीति में एक मजबूत आधार के रूप में जाना जाता है।

स्वास्थ्य समस्याओं से थे जूझ रहे

89 वर्षीय ओम प्रकाश चौटाला लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें दिल और शुगर संबंधी समस्याएं थीं। 20 दिसंबर को गुरुग्राम के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें दिल का दौरा पड़ा था।

समर्थकों और गांव वालों में शोक

तेजा खेड़ा गांव में माहौल बेहद गमगीन था। गांव के लोग अपने नेता को विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में मौजूद थे। चौटाला परिवार का यह पैतृक गांव हमेशा से उनकी राजनीति का केंद्र रहा है, और यहां के लोगों के लिए यह एक बड़ा झटका है।

चौटाला परिवार की राजनीतिक विरासत

ओम प्रकाश चौटाला के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उनके बेटे और पोते पर है। अभय सिंह चौटाला और दुष्यंत चौटाला, जो वर्तमान में राजनीति में सक्रिय हैं, उनके पदचिन्हों पर चलकर चौटाला परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

अंतिम विदाई

अंतिम यात्रा के दौरान ओपी चौटाला के समर्थकों ने "अमर रहें चौटाला जी" और "हमारा नेता कैसा हो, ओम प्रकाश चौटाला जैसा हो" के नारे लगाए। उनकी अंतिम विदाई के साथ हरियाणा ने एक बड़े नेता को खो दिया, जिन्होंने राज्य की राजनीति और विकास में अपना अहम योगदान दिया।

ओम प्रकाश चौटाला की विदाई से हरियाणा की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है, और उन्हें हमेशा उनकी नीतियों, नेतृत्व और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के लिए याद किया जाएगा।

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