हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला: जाट राजनीति को नई दिशा देने वाला नेता पंचतत्व में विलीन

Naya Haryana OP Chautala


Naya Haryana Story: हरियाणा की राजनीति में करीब पांच दशकों तक अपना दबदबा बनाने वाले ओम प्रकाश चौटाला को हमेशा उनकी अदम्य राजनीतिक इच्छाशक्ति और विपरीत परिस्थितियों में भी हार न मानने वाले जज़्बे के लिए याद किया जाएगा। खासकर जाट राजनीति को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

इनेलो (INLD) के शीर्ष नेता ओम प्रकाश चौटाला ने 2005 के बाद से सत्ता में वापसी नहीं की और 2018 में जननायक जनता पार्टी (JJP) के गठन के बाद पार्टी में विभाजन का सामना किया। इसके बावजूद, उन्होंने इनेलो को फिर से जीवित करने की हर संभव कोशिश की और हरियाणा की राजनीति में अपनी पहचान बनाए रखी।

चुनाव और राजनीतिक सक्रियता

पांच बार मुख्यमंत्री रहे चौटाला ने 5 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में इनेलो के लिए जोरदार प्रचार किया। हालांकि, JJP ने 2019 के चुनाव में 10 सीटें जीती थीं, फिर भी चौटाला ने अपनी पार्टी के समर्थन को मजबूत करने का हरसंभव प्रयास किया। उनके मार्गदर्शक सिद्धांत उनके पिता और किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी देवी लाल की विरासत को आगे बढ़ाने में निहित थे।

हालांकि इनेलो को केवल एक सीट ही मिलीं, लेकिन चौटाला ने अपने समर्थकों को एकजुट करने और पार्टी को पुनर्जीवित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सीमित शिक्षा के बावजूद उनकी राजनीतिक समझ और नेतृत्व क्षमता ने हरियाणा की राजनीति में जाट समुदाय की प्रभावशाली उपस्थिति को मजबूत किया।

चौटाला का राजनीतिक सफर

ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी 1935 को हरियाणा के पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के परिवार में हुआ। पहली बार वे 2 दिसंबर 1989 को मुख्यमंत्री बने जब उनके पिता उपप्रधानमंत्री बने थे। उस समय वे विधायक नहीं थे और उन्हें महम विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ना पड़ा। लेकिन मतदान के दौरान बूथ कैप्चरिंग के आरोपों के चलते चुनाव आयोग ने दोबारा मतदान के आदेश दिए।

उपचुनाव से कुछ दिन पहले महम के निर्दलीय प्रत्याशी अमीर सिंह की हत्या हो गई, जिससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया और चौटाला को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद दरबा सीट से उपचुनाव जीतकर वे दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। लेकिन महम कांड के चलते पांच दिन बाद ही उन्हें फिर से इस्तीफा देना पड़ा।

1991 में राष्ट्रपति शासन के बाद चौटाला फिर मुख्यमंत्री बने। 1996 में हरियाणा विकास पार्टी (HVP) के बंसीलाल ने बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई। तीन साल बाद बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया और चौटाला ने HVP विधायकों के समर्थन से चौथी बार मुख्यमंत्री पद संभाला।

2000 के चुनाव में इनेलो को पूर्ण बहुमत मिला और चौटाला ने पांचवीं बार मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला। यह उनकी एकमात्र पूर्ण कार्यकाल वाली सरकार थी।

घोटाले और सजा

2013 में, चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा सुनाई गई। 2022 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें सीबीआई कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने इसे बाद में निलंबित कर दिया।

ओम प्रकाश चौटाला का जीवन संघर्ष, नेतृत्व और सफलता का प्रतीक था। उनकी विरासत हमेशा हरियाणा की राजनीति और समाज में याद की जाएगी।

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