हरियाणा में शहरी निकाय चुनावों को लेकर बड़ी अपडेट, दो चरणों में होंगे चुनाव, बीजेपी खेलेगी दिग्गजों पर दांव!
चंडीगढ़: हरियाणा में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने आठ नगर निगम, चार नगर परिषद और 22 नगर पालिकाओं के चुनाव दो चरणों में कराने का फैसला किया है। यह चुनाव अगले साल फरवरी से पहले संपन्न होंगे।
भाजपा ने इन चुनावों को लेकर अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है और इस बार वरिष्ठ और दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारने की संभावना है। इससे चुनावी माहौल और भी दिलचस्प होने की उम्मीद है।
वार्डबंदी का काम पूरा
निकाय चुनावों के लिए रोहतक और हिसार नगर निगम तथा थानेसर नगर परिषद में वार्डबंदी का काम पूरा कर लिया गया है। सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। वहीं करनाल नगर निगम की वार्डबंदी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और हितधारकों से पांच दिन में आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं।
मेयर पद के लिए चुनावी रणनीति
राज्य सरकार के अनुसार, नगर निगमों में मेयर और नगर परिषद व नगर पालिकाओं में चेयरमैन का चुनाव सीधे जनता द्वारा किया जाएगा। भाजपा ने मेयर पद के लिए उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, जिन्हें विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं मिला था, अब मेयर पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं।
मेयर का पद प्रोटोकॉल के हिसाब से स्थानीय सांसदों और विधायकों से ऊपर होता है, जिससे यह पद और भी आकर्षक हो जाता है। भाजपा इस बार नए चेहरों और ईमानदार नेताओं को प्राथमिकता देने की रणनीति बना रही है।
पार्षदों के टिकट पर सख्त रुख
भाजपा ने यह स्पष्ट किया है कि जिन पार्षदों ने विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का समर्थन किया था, उन्हें इस बार पार्टी टिकट नहीं देगी। हालांकि, कुछ पार्षदों ने भाजपा सरकार बनने के बाद फिर से पार्टी में वापसी की है, लेकिन भाजपा विश्वसनीय नए चेहरों पर ज्यादा विश्वास जताने का मन बना रही है। पार्टी का यह फैसला साफ संकेत देता है कि वह अपनी साख को मजबूत करने के लिए किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतेगी।
भाजपा की रणनीति तैयार
निकाय चुनावों की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहले ही पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर चुके हैं। आगामी दिनों में प्रदेश स्तर की एक बड़ी बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली की अध्यक्षता में चुनावी रणनीति पर चर्चा होगी। पार्टी ने सांसदों और विधायकों को उनके क्षेत्रों में निकाय चुनावों की जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा का स्पष्ट संदेश है कि सभी नेता चुनावी तैयारियों में सक्रिय रूप से भाग लें।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा का बढ़ता प्रभाव
भाजपा को पहले शहरी पार्टी माना जाता था, लेकिन हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी पकड़ मजबूत की है। ओल्ड भिवानी, सोनीपत और जींद जैसे जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों की सीटों पर भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया। निकाय चुनावों के जरिए भाजपा की कोशिश शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अपनी पकड़ को और मजबूत करने की है।
दो चरणों में होंगे चुनाव
पहला चरण
पहले चरण में चुनाव इन क्षेत्रों में कराए जाएंगे:
- नगर निगम: गुरुग्राम, फरीदाबाद और मानेसर।
- नगर परिषद: सिरसा, पटौदी जटौली मंडी और अंबाला सदर।
- नगर पालिकाएं: बराड़ा, बवानीखेड़ा, लोहारू, सिवानी, फर्रुखनगर, जाखल मंडी, नारनौंद, बेरी, जुलाना, कलायत, पूंडरी, इंद्री, नीलोखेड़ी, अटेली मंडी, कनीना, तावडू, हथीन, कलानौर, खरखौदा और रादौर।
सोनीपत और अंबाला में मेयर के लिए उपचुनाव होंगे, क्योंकि निखिल मदान और शक्ति रानी के विधायक बनने के कारण ये सीटें खाली हो गई हैं।
दूसरा चरण
दूसरे चरण में इन क्षेत्रों में चुनाव होंगे:
- नगर निगम: करनाल, पानीपत, हिसार, रोहतक और यमुनानगर।
- नगर परिषद: थानेसर।
- नगर पालिका: कालांवाली।
प्रदेश सरकार ने पहले चरण के चुनाव की अधिसूचना जारी करने के लिए चार जनवरी तक का हलफनामा हाई कोर्ट में दिया है।
हरियाणा में शहरी निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा ने अपनी रणनीति को स्पष्ट करते हुए नए चेहरों को मौका देने और पार्टी की साख को मजबूत करने का निर्णय लिया है। चुनावी तैयारियों को लेकर सरकार और पार्टी संगठन दोनों पूरी तरह सक्रिय हैं। दो चरणों में होने वाले इन चुनावों के परिणाम प्रदेश की राजनीतिक दिशा को भी प्रभावित कर सकते हैं।
"भाजपा का लक्ष्य है कि निकाय चुनावों में मजबूत प्रदर्शन कर शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अपनी पकड़ और प्रभाव को बढ़ाया जाए।"