खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पीएम मोदी को खून से लिखा खत

Jagjut Singh Dallewal


हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से हस्ताक्षर किया हुआ एक पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने सरकार से 2011 में किए गए वादों को पूरा करने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने अपनी कुर्बानी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए लिखा है कि अगर उनकी मौत होती है, तो इसके लिए जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की होगी।

डल्लेवाल का पत्र: वादे पूरे करें या मेरी कुर्बानी के लिए तैयार रहें

किसान नेता डल्लेवाल ने अपने पत्र में लिखा है,

"मैं देश का एक साधारण किसान, जगजीत सिंह डल्लेवाल, भारी मन से यह पत्र लिख रहा हूं। यह आंदोलन 13 फरवरी से चल रहा है। सरकार टस से मस नहीं हुई, इसलिए 26 तारीख से मरणव्रत शुरू कर दिया। जिन मांगों को लेकर यह संघर्ष चल रहा है, वे विभिन्न सरकारों द्वारा किए गए वायदे हैं।
2011 में किए गए वादे पूरे करें या मेरी कुर्बानी लेने को तैयार रहें। अगर मेरी जान चली गई, तो इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी। मैंने मरणव्रत शुरू करने का फैसला सरकार से आहत होकर किया है। अगर इन दोनों मोर्चों को कोई नुकसान होता है, तो इसकी जिम्मेदारी भी आपकी होगी। यह मेरा आपको पहला और आखिरी पत्र है।"

डल्लेवाल की स्थिति बेहद गंभीर, डॉक्टरों ने दी चेतावनी

डल्लेवाल पिछले 17 दिनों से मरणव्रत पर बैठे हैं। इस वजह से उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है। उनकी निगरानी कर रहे निजी डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि उनका वजन 12 किलो से अधिक घट चुका है।

  • किडनी फेल होने का खतरा: डॉक्टरों के अनुसार, उनकी किडनी कभी भी फेल हो सकती है।
  • हार्ट अटैक का खतरा: भूखे रहने के कारण उनके दिल पर भी खतरा बढ़ गया है।
  • लिवर पर असर: लंबे समय तक भूखे रहने से उनके लिवर में भी दिक्कत आ सकती है।

हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका

डल्लेवाल के मरणव्रत को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में वकील वासु रंजन शांडिल्य ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में मांग की गई है कि डल्लेवाल का मरणव्रत जल्द से जल्द खत्म करवाया जाए और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए।
याचिका में कोर्ट से शुक्रवार को ही मामले की सुनवाई करने का अनुरोध किया गया है।

डल्लेवाल का आंदोलन और मांगें

डल्लेवाल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि उनका आंदोलन 13 फरवरी से शुरू हुआ था। मांगों को लेकर सरकार की उदासीनता के चलते उन्होंने 26 फरवरी से मरणव्रत शुरू किया। किसान नेता का कहना है कि यह आंदोलन सरकार द्वारा 2011 में किए गए वादों को पूरा करवाने के लिए है।


जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरणव्रत आंदोलन अब गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। उनकी बिगड़ती सेहत और खून से लिखे पत्र ने सरकार और प्रशासन के समक्ष चुनौती खड़ी कर दी है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस गंभीर स्थिति को हल करने के लिए सरकार और अदालत क्या कदम उठाती हैं।

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