हिसार एयरपोर्ट से अभी नहीं शुरु होंगे फ्लाइट्स, कुमारी सैलजा ने बताया इसके पीछे का कारण, सरकार का दावा झूठा!
चंडीगढ़: पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने हिसार एयरपोर्ट से संबंधित भाजपा सरकार के दावों को झूठा करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कहना कि हिसार एयरपोर्ट जल्द चालू हो जाएगा और वहां से एलायंस एयर उड़ानें शुरू करेगी, पूरी तरह से भ्रामक है। सैलजा ने खुलासा किया कि हिसार एयरपोर्ट को अभी तक आवश्यक एयरोड्रम लाइसेंस नहीं मिला है।
सवालों के जवाब में मंत्रालय का खुलासा
सैलजा ने बताया कि उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से हिसार हवाई अड्डे और वायुसेना केंद्रों पर यात्री विमान सेवा शुरू करने के संबंध में सवाल पूछे थे। मंत्रालय ने अपने जवाब में बताया कि वर्तमान में भारतीय वायुसेना के 28 हवाई अड्डों पर सिविल एन्क्लेव चालू हैं।
सिरसा और अंबाला एयरपोर्ट की स्थिति
मंत्रालय के अनुसार, हरियाणा के सिरसा हवाई अड्डे का स्वामित्व भारतीय वायुसेना (IAF) के पास है और यह क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) "उड़े देश का आम नागरिक" दस्तावेज में अप्रयुक्त हवाई अड्डों की अस्थायी सूची में शामिल है। हालांकि, अब तक पांच बोली दौर पूरे हो चुके हैं, लेकिन किसी भी एयरलाइन ने सिरसा से उड़ानें संचालित करने का प्रस्ताव नहीं दिया है।
अंबाला हवाई अड्डे की स्थिति पर मंत्रालय ने बताया कि यह भी भारतीय वायुसेना के स्वामित्व में है। आरसीएस के तीसरे चरण की बोली प्रक्रिया में इसे क्षेत्रीय उड़ानों के लिए चिन्हित किया गया था, लेकिन वहां भी उड़ान संचालन को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।
हिसार एयरपोर्ट पर सैलजा का आरोप
कुमारी सैलजा ने हिसार एयरपोर्ट को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि केवल घोषणा करने से कुछ नहीं होता। सरकार को चाहिए कि वह लोगों को झूठे सपने दिखाने की बजाय जमीनी स्तर पर काम करे। उन्होंने कहा कि आवश्यक लाइसेंस के बिना एयरपोर्ट चालू करने के दावे करना जनता को गुमराह करने जैसा है।
संबंधित परियोजनाओं में धीमी प्रगति
सैलजा ने यह भी कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। सिरसा और अंबाला एयरपोर्ट जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं अभी भी अधर में लटकी हुई हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह इन परियोजनाओं को लेकर पारदर्शिता लाए और जल्द से जल्द इन पर ठोस कदम उठाए।
कुमारी सैलजा के इन आरोपों ने हिसार एयरपोर्ट और हरियाणा के अन्य हवाई अड्डों की परियोजनाओं पर सरकार की प्रगति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या जवाब देती है।