हरियाणा की सैनी सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत, बारिश और ओलावृष्टि से तबाह हुई फसलों का मिलेगा मुआवजा, सीएम ने मांगी रिपोर्ट
Haryana Cabinet Meeting: हरियाणा में बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। हिसार, फतेहाबाद, रेवाड़ी, कैथल और महेंद्रगढ़ सहित पांच जिलों के 60 से अधिक गांवों में फसलें पूरी तरह खराब हो गई हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट बैठक के बाद इस नुकसान की रिपोर्ट मांगी और सभी जिलों के उपायुक्तों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
बीमा और मुआवजे की घोषणा
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन किसानों ने फसलों का बीमा कराया है, उन्हें बीमा कंपनियों से क्लेम दिलाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। वहीं, जिन किसानों ने बीमा नहीं कराया है, उन्हें राज्य सरकार मुआवजा प्रदान करेगी।
हिसार और फतेहाबाद में सबसे ज्यादा नुकसान
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार से शुरू हुई बारिश और ओलावृष्टि ने हिसार और फतेहाबाद में सबसे ज्यादा कहर बरपाया। हिसार जिले के 50 गांव और फतेहाबाद के 13 गांवों में सरसों, चना और सब्जियों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। सरसों और चने की फसलें खेतों में पानी और ओले की वजह से सड़ गई हैं।
किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है, और फसलों को बचाना अब संभव नहीं है। मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि यह फैसला किसानों के लिए राहत लेकर आएगा, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी फसलें पकने से पहले ही खराब हो गईं।
अन्य जिलों में भी भारी नुकसान
रेवाड़ी, कैथल और महेंद्रगढ़ जिलों में भी ओलावृष्टि के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि फसलों की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि उनकी भरपाई करना मुश्किल है।
अलर्ट और शीतलहर का दौर जारी
शनिवार को प्रदेश के कई जिलों में बारिश का सिलसिला जारी रहा। पानीपत, करनाल, सोनीपत, नूंह और कुरुक्षेत्र में सुबह से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। फतेहाबाद, सिरसा और महेंद्रगढ़ में बादल छाए हुए हैं और शीतलहर तेज हो गई है।
मौसम विभाग ने करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है।
सीएम सैनी का यह कदम फसल नुकसान झेल रहे किसानों के लिए राहत लेकर आ सकता है। सरकार की यह घोषणा प्रभावित किसानों के लिए संबल प्रदान करने का प्रयास है।