हरियाणा में महिलाओं के लिए आई खुशख़बरी, अब मिलेगा मात्र 500 रुपये में सिलैंडर
Haryana News: अतिरिक्त उपायुक्त सी. जयाश्रद्धा ने कहा कि हरियाणा सरकार की हर घर-हर गृहिणी योजना अंत्योदय परिवारों की महिलाओं के लिए एक बड़ा सहारा साबित हो रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को रसोई में स्वच्छ और धुआं रहित वातावरण प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत, बीपीएल परिवारों की महिलाओं को हर महीने 500 रुपये की रियायती दर पर एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा।
योजना में रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
अतिरिक्त उपायुक्त ने जानकारी दी कि अंत्योदय परिवारों की महिलाएं योजना के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकती हैं। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि हिसार जिले में कई महिलाओं ने सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है।
परिवारों को होगा लाभ
यह योजना उन परिवारों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जो एलपीजी सिलेंडर की पूरी कीमत नहीं चुका सकते। पहले पारंपरिक ईंधन जैसे लकड़ी और गोबर के उपले पर निर्भर रहने वाले परिवार अब सस्ते दामों पर एलपीजी सिलेंडर प्राप्त कर सकते हैं। इससे महिलाओं को न केवल स्वास्थ्य लाभ मिलेगा बल्कि उनका जीवन स्तर भी सुधरेगा।
उज्ज्वला योजना और हर घर-हर गृहिणी योजना का सामंजस्य
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि हिसार जिले में पहले से ही उज्ज्वला योजना के तहत 88751 परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिए जा चुके हैं। हर घर-हर गृहिणी योजना के तहत जिन परिवारों की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये या उससे कम है, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना के तहत महिला उपभोक्ता के नाम से हर महीने 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा।
यमुनानगर: नारी सशक्तिकरण पर विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन
यमुनानगर के बिलासपुर में स्थित राजकीय महाविद्यालय में महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय कन्या महाविद्यालय, पलवल की सहायक प्रोफेसर डॉ. सीमा पांडे ने भाग लिया। उन्होंने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण से जुड़ी सरकारी योजनाओं और नीतियों पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
महिलाओं के लिए जरूरी योजनाओं की जानकारी
डॉ. सीमा पांडे ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। इनमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, बालिका समृद्धि योजना और धनलक्ष्मी योजना प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का लाभ तभी उठाया जा सकता है, जब महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगी।
नारी सशक्तिकरण का सही अर्थ
महाविद्यालय की प्राचार्या ने विद्यार्थियों को नारी सशक्तिकरण का सही अर्थ बताते हुए कहा कि नारी को अपने निर्णय स्वयं लेने और अपने अधिकारों को समझने की क्षमता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण का सबसे बड़ा माध्यम शिक्षा है। महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका डॉ. मनीषा ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन महिलाओं के सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभाते हैं।
इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी स्टाफ सदस्य और विद्यार्थी मौजूद रहे।