हरियाणा में महिलाओं और अनुसूचित जातियों के लिए आई एक और खुशख़बरी, मिेलेगा 60 लाख रुपये तक का ठेका, जानें
Haryana News: हरियाणा सरकार ने शहरी क्षेत्रों में सफाई कार्य और कूड़ा-कचरा निस्तारण को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं और अनुसूचित जाति आधारित सहकारी श्रम एवं निर्माण समितियों को बड़ी राहत दी है। 60 लाख रुपये तक के वार्षिक सफाई कार्यों का ठेका अब इन समितियों को प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा।
महिलाओं और अनुसूचित जातियों को फायदा
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त और सचिव विकास गुप्ता ने इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिए हैं। 31 मार्च 2026 तक स्वच्छता से संबंधित कार्य जैसे:
- सड़क और नालियों की सफाई
- झाड़ियों को उखाड़ना
- घर-घर कूड़ा-कचरा इकट्ठा करना
इन कामों के लिए प्राथमिकता महिलाओं और अनुसूचित जाति आधारित सहकारी समितियों को दी जाएगी।
राशि में दी गई बड़ी राहत
- अर्नेस्ट मनी (प्राक्कलन राशि): पात्र समितियों को सिर्फ 25,000 रुपये तक की अर्नेस्ट मनी जमा करनी होगी।
- सिक्योरिटी मनी (प्रदर्शन सुरक्षा): अन्य ठेकेदारों की तुलना में इन समितियों के लिए प्रदर्शन सुरक्षा राशि आधी होगी।
अगर पात्र समितियां निविदा में भाग नहीं लेती हैं, तो खुले ठेकेदारों से निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी।
एनसीआर में श्रमिकों के लिए सामुदायिक रसोई और सुविधाएं
हरियाणा सरकार ने एनसीआर क्षेत्र में निर्माण कार्यों, स्टोन क्रशर और खनन में लगे श्रमिकों के लिए भी कई कदम उठाए हैं:
- सामुदायिक रसोई: बिल्डरों और परियोजना संचालकों को श्रमिकों के लिए सामुदायिक रसोई बनानी होगी।
- गर्मी की सुविधाएं: सर्दी से बचाने के लिए श्रमिकों को हीटर और गर्म पानी की सुविधा प्रदान करनी होगी।
- सुरक्षा गार्ड और कर्मचारियों के लिए सुविधाएं: सभी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को अपने कर्मचारियों के लिए हीटर का इंतजाम करना अनिवार्य किया गया है।
प्रदूषण से प्रभावित श्रमिकों को आर्थिक सहायता
एनसीआर में प्रदूषण से प्रभावित श्रमिकों के लिए हरियाणा सरकार ने आर्थिक सहायता की घोषणा की है:
- निर्वाह भत्ता: प्रदूषण के कारण काम बंद होने से प्रभावित श्रमिकों को हर सप्ताह ₹2539 की सहायता राशि दी जाएगी।
- आवेदन की अंतिम तिथि: 20 दिसंबर 2024 तक श्रमिक आवेदन कर सकते हैं।
- डीबीटी के माध्यम से भुगतान: सहायता राशि सीधे श्रमिकों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।
सरकार का उद्देश्य
हरियाणा सरकार का यह कदम स्वच्छता को बढ़ावा देने के साथ-साथ महिलाओं, अनुसूचित जातियों, और श्रमिकों के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी पहल है। इससे न केवल रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, बल्कि जरूरतमंद वर्गों को आर्थिक स्थिरता भी प्राप्त होगी।
नोट: इस नई नीति का लाभ उठाने के लिए पात्र सहकारी समितियां और श्रमिक जल्द से जल्द आवेदन करें।