हरियाणा में अचानक आई ठड से किसानों की बढ़ी चिंता, सरसो और सब्जियों को हो सकता भारी नुकसान

सरसों के खेती को नुकसान




चंडीगढ़: हरियाणा में बुधवार को ठंड का प्रकोप चरम पर रहा, जहां न्यूनतम तापमान कई हिस्सों में 2°C से नीचे पहुंच गया। इस अचानक आई कड़ाके की ठंड ने किसानों के बीच चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि आलू, सरसों और सर्दियों की सब्जियां ठंड के कारण नुकसान झेल सकती हैं। हालांकि, यह ठंड गेहूं की फसल के लिए लाभकारी है, लेकिन विशेषज्ञों ने अन्य फसलों पर इसके गंभीर प्रभावों को लेकर आगाह किया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र लाठर ने इस मौसम के दोहरे प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “अचानक आई सर्दी गेहूं की फसल में टिल्लरिंग (फूटाव) के लिए मददगार होगी, जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी। हालांकि, यह बदलाव सब्जियों, सरसों और गन्ने की फसल के लिए हानिकारक है। किसानों को सलाह दी जाती है कि ठंड के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए हल्की सिंचाई करें।” उन्होंने किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी।

कृषि उपनिदेशक (डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एग्रीकल्चर) डॉ. वज़ीर सिंह ने भी इन चिंताओं को दोहराया। उन्होंने कहा कि मौसम गेहूं की फसल के लिए अनुकूल है, लेकिन इस समय सब्जियों और सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने भी ठंड से बचाव के लिए हल्की सिंचाई करने की सिफारिश की।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, राज्य का औसत न्यूनतम तापमान मंगलवार की तुलना में 1.5°C कम दर्ज किया गया और यह सामान्य से 3.4°C नीचे रहा। हिसार के बालसमंद और सोनीपत में सबसे कम तापमान 1.5°C रिकॉर्ड किया गया।

अन्य जगहों पर दर्ज न्यूनतम तापमान इस प्रकार रहा: अंबाला (7.7°C), हिसार (3.3°C), करनाल (4.8°C), भिवानी (3.8°C), महेंद्रगढ़ (1.9°C), सिरसा (3.7°C), फतेहाबाद (8.2°C) और गुरुग्राम (6.2°C)।

मौसम विभाग ने यह भी पूर्वानुमान जताया है कि राज्य में सूखा मौसम बना रहेगा, लेकिन आने वाले दिनों में ठंड और पाला अन्य क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।

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