हरियाणा में BJP सरकार ने दुष्यंत चौटाला के ड्रीम प्रोजेक्ट पर लगाई रोक: जानें पूरी कहानी
Naya Haryana News: दुष्यंत चौटाला, हरियाणा के एक प्रभावशाली नेता और JJP पार्टी के प्रमुख, ने हिसार में ट्रैफिक की समस्या को सुलझाने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना का प्रस्ताव रखा था। यह परियोजना उनके ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में जानी जाती है। 681 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह एलिवेटेड रोड हिसार शहर को जाम की समस्या से राहत देने के लिए प्रस्तावित था। लेकिन, हाल ही में हरियाणा की BJP सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी है।
दुष्यंत चौटाला का ड्रीम प्रोजेक्ट
- लंबाई और मार्ग: प्रस्तावित एलिवेटेड रोड की लंबाई 8.5 किलोमीटर थी। इसे हिसार के मुख्य दिल्ली रोड पर बनाया जाना था।
- ट्रैफिक समस्या का समाधान: शहर के तीन प्रमुख पुलों को जोड़ने और ट्रैफिक का बेहतर प्रबंधन करने के लिए इसे डिजाइन किया गया था।
- शहर की प्रमुख सड़कों का सुधार: इस परियोजना का उद्देश्य शहर की मुख्य सड़कों को यातायात के बढ़ते दबाव से मुक्त कराना था।
परियोजना का बजट और योजना
- 2020 में, हरियाणा विधानसभा में इस परियोजना के लिए बजट पास किया गया था।
- एक सर्वे एजेंसी को फिजिबिलिटी स्टडी के लिए हायर किया गया और लाखों रुपये खर्च कर DPR (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की गई थी।
BJP सरकार का नया रुख: रिंग रोड परियोजना का प्रस्ताव
BJP सरकार ने दुष्यंत चौटाला के एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट को प्राथमिकता न देकर, हिसार के चारों ओर एक रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव दिया है।
- परियोजना की योजना: यह रिंग रोड हिसार शहर को बायपास करते हुए दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान और सिरसा जाने वाले ट्रैफिक को डायवर्ट करेगी।
- लाभ: इस परियोजना से शहर के अंदर ट्रैफिक कम होगा और यातायात की सुविधा बढ़ेगी।
- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का समर्थन: केंद्रीय मंत्री ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देने की ओर इशारा किया है।
BJP सरकार का दृष्टिकोण
PWD मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि जाम की समस्या का समाधान प्राथमिकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि यह एलिवेटेड रोड के माध्यम से ही हो। उन्होंने अन्य परियोजनाओं जैसे इंटरनल रोड कनेक्टिविटी, ओवरब्रिज और बाइपास को प्राथमिकता दी है।
गठबंधन का टूटना और परियोजना पर प्रभाव
JJP और BJP का गठबंधन
- 2019 में, JJP और BJP के गठबंधन के बाद दुष्यंत चौटाला को डिप्टी मुख्यमंत्री बनाया गया।
- उन्होंने इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देकर जल्द से जल्द इसे लागू करने की कोशिश की।
गठबंधन टूटने के बाद का परिदृश्य
2023 में, BJP और JJP के बीच राजनीतिक मतभेद के चलते गठबंधन टूट गया।
- परियोजना पर असर: गठबंधन टूटने के बाद इस प्रोजेक्ट के लिए समर्थन खत्म हो गया।
- नई सरकार का रुख: BJP की पूर्ण बहुमत वाली सरकार ने इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
हिसार की ट्रैफिक समस्या और इसका प्रभाव
जाम की समस्या का स्वरूप
- दिल्ली रोड, जो हिसार का मुख्य मार्ग है, हमेशा भारी ट्रैफिक से जूझता है।
- अतिक्रमण और संकरी सड़कें: जगह की कमी के कारण सड़क चौड़ीकरण संभव नहीं है।
जाम का असर
- शहर के लोगों को 8-10 किलोमीटर का सफर तय करने में 40-50 मिनट लग जाते हैं।
- व्यावसायिक और व्यक्तिगत जीवन प्रभावित होता है।
अन्य समाधान की आवश्यकता
- साउथ बाइपास और ओवरब्रिज: सरकार ने पहले से ही अन्य परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है।
- इंटरनल रोड नेटवर्क: शहर के भीतर सड़क नेटवर्क को बेहतर बनाने की दिशा में काम जारी है।
दुष्यंत चौटाला के लिए राजनीतिक नुकसान
राजनीतिक समर्थन की कमी
- दुष्यंत चौटाला और पूर्व मेयर गौतम सरदाना, दोनों ही अब BJP के साथ नहीं हैं।
- परियोजना के लिए पैरवी करने वाला कोई नेता नहीं: राजनीतिक समर्थन न होने के कारण इस प्रोजेक्ट को लागू करना और भी कठिन हो गया है।
जनता की प्रतिक्रिया
- हिसार की जनता, जो इस प्रोजेक्ट के फायदे देख रही थी, अब नए विकल्पों पर ध्यान दे रही है।
- BJP सरकार की नई योजना को समर्थन मिल रहा है, लेकिन दुष्यंत चौटाला के समर्थकों के बीच असंतोष बना हुआ है।
क्या हिसार को मिलेगा जाम से छुटकारा?
दुष्यंत चौटाला का ड्रीम प्रोजेक्ट, जो हिसार के लोगों के लिए एक बड़ी उम्मीद थी, अब ठप हो चुका है। दूसरी ओर, BJP सरकार के रिंग रोड और अन्य परियोजनाओं ने नई संभावनाएं पैदा की हैं। हालांकि, सवाल यह है कि क्या ये नई योजनाएं हिसार की ट्रैफिक समस्या को पूरी तरह से हल कर पाएंगी?