हरियाणा कांग्रेस में फिर छिड़ा विवाद, जिला प्रभारियों की नियुक्ति पर भिड़े उदयभान और बाबरिया!

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Haryana Congress News: हरियाणा कांग्रेस में जिला प्रभारियों की नियुक्तियों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने 18 दिसंबर को प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान द्वारा जारी जिला प्रभारियों की सूची पर रोक लगा दी है। उदयभान ने इस सूची में कई बदलाव किए थे, लेकिन इन बदलावों को पार्टी आलाकमान की स्वीकृति नहीं मिली, जिसके कारण विवाद खड़ा हो गया।

बदलाव से शुरू हुआ विवाद

यह विवाद तब शुरू हुआ जब चौधरी उदयभान ने कुछ नेताओं को हटाकर नए जिला प्रभारी नियुक्त किए। इन नेताओं में कई वे थे जो पार्टी के टिकट न मिलने के बाद विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे या बागी बन गए थे। ऐसे नेताओं को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था।

हालांकि, नई सूची में सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के समर्थकों को जगह नहीं मिली। इसके विपरीत, सूची में शामिल अधिकांश नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक बताए जा रहे हैं। इससे पार्टी के भीतर असंतोष और मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो गई।

हाईकमान ने सूची पर लगाई रोक

सूत्रों के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली जाकर इस सूची के खिलाफ शिकायत की थी। इसके अलावा, इस फेरबदल के बारे में प्रदेश प्रभारी या पार्टी आलाकमान को पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इन्हीं कारणों से पार्टी हाईकमान ने उदयभान द्वारा जारी की गई सूची को रोकने का फैसला किया।

18 दिसंबर को जारी की गई इस सूची में छह विधायक, 12 पूर्व विधायक, और दो पूर्व मंत्रियों को शामिल किया गया था।

अमित शाह की टिप्पणी पर कांग्रेस और बसपा का प्रदर्शन

दूसरी ओर, करनाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में डॉ. भीमराव आंबेडकर पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन जिला सचिवालय के बाहर आयोजित किया गया, जहां दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की।

कांग्रेस और बसपा ने अलग-अलग प्रदर्शन किए, लेकिन दोनों का उद्देश्य गृह मंत्री के बयान पर आपत्ति जताना था। कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने कहा कि भाजपा ने कभी भी डॉ. भीमराव आंबेडकर का सम्मान नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का मकसद समाज में फूट डालना है और वह आपसी भाईचारे को कमजोर करने का प्रयास करती रहती है।

कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह से उनके बयान पर माफी मांगने की मांग की। सुरेश गुप्ता ने कहा कि अगर गृह मंत्री माफी नहीं मांगते हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें मंत्रिमंडल से हटाना चाहिए।

निष्कर्ष

हरियाणा कांग्रेस में जिला प्रभारियों की नियुक्ति पर खड़ा हुआ विवाद पार्टी के भीतर गुटबाजी को उजागर करता है। इसके अलावा, अमित शाह की टिप्पणी पर विरोध प्रदर्शनों से यह स्पष्ट है कि विपक्षी दल भाजपा पर हमलावर बने हुए हैं। देखना यह होगा कि हाईकमान और पार्टी आलाकमान इन दोनों मुद्दों को किस तरह सुलझाते हैं।

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