सर्दियों में भी पानी के लिए तरस सकते हैं हरियाणा के लोग, यमुना नदी का जल स्तर गंभीर रूप से घटा

Haryana Hathnikund Barrage


चंडीगढ़: हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में बारिश की कमी के कारण यमुना नदी का जल स्तर गंभीर रूप से घट गया है, जिससे हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस स्थिति ने सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और जलविद्युत उत्पादन पर गंभीर असर डाला है।

यमुना जल की महत्वपूर्ण भूमिका

  • दिल्ली को पेयजल आपूर्ति और हरियाणा के दक्षिणी हिस्सों की सिंचाई का प्रमुख स्रोत।
  • उत्तर प्रदेश में सिंचाई और पेयजल की आवश्यकताओं को पूरा करता है।
  • चार जलविद्युत परियोजनाएं यमुना के पानी पर निर्भर हैं।

जल स्तर में भारी गिरावट

हथिनीकुंड बैराज पर सोमवार दोपहर 3 बजे यमुना का जल स्तर केवल 1,142 क्यूसेक दर्ज किया गया, जो मंगलवार सुबह 11 बजे बढ़कर 2,290 क्यूसेक तक पहुंचा। हालांकि, यह अब भी मांग के मुकाबले काफी कम है। इस कमी का असर सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और जलविद्युत उत्पादन पर साफ देखा जा रहा है।

पश्चिमी यमुना नहर (WJC) पर असर

  • WJC की पानी की मांग 9,000 क्यूसेक है, लेकिन मंगलवार सुबह 11 बजे केवल 1,756 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
  • WJC दिल्ली को पेयजल आपूर्ति करता है और दक्षिणी हरियाणा की फसलों की सिंचाई में अहम भूमिका निभाता है।
  • पानी की इस कमी ने इन दोनों क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया है।

पूर्वी यमुना नहर (EJC) पर असर

  • उत्तर प्रदेश में पानी की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार EJC की मांग 1,500 क्यूसेक है, लेकिन मंगलवार सुबह 11 बजे केवल 182 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराया गया।
  • सोमवार को नदी के प्रवाह में गिरावट के कारण EJC में पानी की आपूर्ति शाम 3 बजे से रात 8 बजे तक रोक दी गई थी।

जलविद्युत परियोजनाओं पर प्रभाव

यमुना जल की कमी ने नैनोवाली, भुडकलां, बेगमपुर और दादुपुर गांवों की जलविद्युत परियोजनाओं को भी प्रभावित किया है। इनमें से नैनोवाली, भुडकलां और बेगमपुर की परियोजनाएं सरकारी हैं, जबकि दादुपुर में एक निजी परियोजना संचालित है।

जल स्तर में कमी का कारण

दादुपुर जल सेवा प्रभाग के कार्यकारी अभियंता विजय गर्ग ने बताया, "यमुना का जल स्तर आमतौर पर नवंबर में घटने लगता है और मार्च में बढ़ता है। यह कमी हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में सर्दियों के मौसम में बारिश की कमी के कारण होती है। इससे WJC और EJC को पानी की आपूर्ति पर सीधा असर पड़ता है।"

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