हरियाणा शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही: 50 हजार छात्रों के बोर्ड परीक्षा फार्म नहीं भरे गए

Haryana News


चंडीगढ़। हरियाणा में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां 26 फरवरी से कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं, वहीं राज्य के लगभग 1032 अस्थाई मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के 9वीं से 12वीं कक्षा के 50 हजार छात्रों के बोर्ड परीक्षा फार्म अब तक नहीं भरे गए हैं। इस लापरवाही से छात्रों के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है, जिससे अभिभावकों और छात्रों में चिंता की लहर है।


सरकारी स्कूलों के छात्रों की चेकलिस्ट जारी

हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के छात्रों के बोर्ड परीक्षा फार्म पहले ही भरवाए जा चुके हैं। साथ ही, सरकारी स्कूलों के छात्रों की चेकलिस्ट भी जारी कर दी गई है। लेकिन अस्थाई मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के छात्रों के लिए यह प्रक्रिया अधूरी रह गई है।


शिक्षा विभाग ने 6 दिसंबर को जारी किया था पत्र

हरियाणा शिक्षा विभाग पंचकुला ने 6 दिसंबर को अस्थाई मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को पत्र जारी कर परीक्षा फार्म भरने के निर्देश दिए थे।
हालांकि, 20 दिन बीत जाने के बावजूद इस पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके चलते न केवल छात्रों का बोर्ड परीक्षा फार्म अधूरा रह गया, बल्कि उनका भविष्य भी अधर में लटक गया है।


चेयरमैन का पद खाली रहने का असर

हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी में चेयरमैन का पद कई दिनों तक खाली रहा, जिसके कारण परीक्षा संबंधी कामकाज प्रभावित हुआ। हालांकि, अब नए चेयरमैन ने पदभार संभाल लिया है, फिर भी शिक्षा निदेशालय पंचकुला द्वारा आवश्यक कदम नहीं उठाए गए हैं।


1.20 लाख छात्रों के भविष्य पर संकट

लापरवाही के कारण 1032 अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले 9वीं से 12वीं कक्षा के लगभग 50 हजार छात्रों और उनके साथ कुल 1.20 लाख बच्चों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

अभिभावकों को यह जानकारी तक नहीं है कि उनके बच्चों के बोर्ड परीक्षा फार्म अभी तक भरे नहीं गए हैं। जबकि सरकारी स्कूलों और स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के छात्रों की चेकलिस्ट पहले ही जारी हो चुकी है।


अभिभावकों और छात्रों में नाराजगी

इस लापरवाही को लेकर अभिभावकों और छात्रों में गहरी नाराजगी है। अभिभावक यह सोचकर परेशान हैं कि परीक्षा की तारीखें नजदीक हैं, और उनके बच्चों की परीक्षा प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है।

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