हरियाणा में नहरों के पानी को लेकर बड़ा फैसला: रबी सीजन के लिए नई व्यवस्था लागू

Haryana Cannel


Haryana News: हरियाणा सरकार ने रबी सीजन 2024-2025 के लिए नहरी पानी के वितरण को लेकर नई योजना की घोषणा की है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने नहरों के संचालन के लिए 8 दिनों की आपूर्ति और 15 दिनों के बंदी चक्र का घूर्णी कार्यक्रम जारी किया है। यह व्यवस्था 9 दिसंबर 2024 से 25 मई 2025 तक लागू रहेगी।

जिले जहां योजना लागू होगी

यह नई व्यवस्था सिरसा, हिसार और फतेहाबाद जिलों के नहरों के लिए लागू की गई है। सिंचाई भवन, पंचकुला द्वारा जारी आदेश में अधीक्षण अभियंता बीडब्ल्यूएस सर्कल के अधिकारियों को सख्ती से इस कार्यक्रम का पालन करने का निर्देश दिया गया है।

घूर्णी कार्यक्रम

  1. नहरों का संचालन

    • रबी सीजन के दौरान नहरें केवल 8 दिनों के लिए चालू रहेंगी।
    • शेष 15 दिनों के लिए नहरें बंद रहेंगी।
  2. तीन समूहों में विभाजन
    नहरों को तीन समूहों में बांटा गया है और इनके संचालन का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। यह सरकार द्वारा विधिवत अनुमोदित किया गया है।

  3. पानी की आपूर्ति और वितरण

    • आपूर्ति वितरण के प्रभारी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि निचले क्षेत्रों तक पानी की उपलब्धता बनी रहे।
    • प्राथमिकता उन चैनलों को दी जाएगी जो खारे क्षेत्र में टेल पहुंच वाले हैं।
  4. उल्लंघन पर कार्रवाई

    • किसी भी अधिकारी द्वारा आदेशों का उल्लंघन व्यक्तिगत जिम्मेदारी मानी जाएगी।
    • पानी की कम उपलब्धता की स्थिति में आपूर्ति को सभी समूहों में समानुपातिक रूप से वितरित किया जाएगा।
  5. प्रचार और निगरानी

    • अनुमोदित कार्यक्रम की जानकारी सभी संबंधित अधिकारियों को दी जाएगी ताकि व्यापक प्रचार किया जा सके।
    • किसी भी प्रकार की विसंगति की जानकारी तुरंत विभाग को दी जानी चाहिए।

प्रभाव और उद्देश्य

इस योजना का उद्देश्य रबी सीजन के दौरान नहरों के पानी का संतुलित और प्रभावी वितरण सुनिश्चित करना है। चूंकि इन तीनों ही जिलों में बोर का पानी इतना क्वालिटी वाला नहीं है तो किसानों की फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ने वाला है। 

अधिकारियों की जिम्मेदारी

कार्यकारी अभियंता और नियमन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि घूर्णी कार्यक्रम का पालन हो और किसी भी प्रकार की समस्या की स्थिति में तुरंत उचित कदम उठाए जाएं।

यह आदेश हरियाणा सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में पानी के कुशल प्रबंधन और किसानों के लाभ के लिए उठाया गया कदम है।

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