हरियाणा में 21वें पशुधन गणना अभियान का शुभारंभ, मंत्री श्याम सिंह राणा ने रादौर से की शुरुआत
चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्याम सिंह राणा ने यमुनानगर जिले के रादौर कस्बे से राज्य के 21वें पशुधन गणना अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि यह अभियान पशुपालन क्षेत्र में नीति निर्माण और योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
हर पांच साल में होती है पशुधन गणना
मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि पहली बार पशुधन गणना वर्ष 1919 में आयोजित की गई थी, और तब से हर पांच साल के अंतराल पर यह प्रक्रिया होती है। इस बार भी प्रदेशभर में घर-घर जाकर व्यापक सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसमें पालतू जानवरों और पोल्ट्री से जुड़े विस्तृत आंकड़े जुटाए जाएंगे।
किस-किसकी होगी गिनती?
- गाय, भैंस, बकरी, भेड़, सुअर, ऊंट, घोड़ा जैसी पशु प्रजातियां।
- पोल्ट्री पक्षियों की गिनती।
- डेयरी उपकरण और पशुपालन से जुड़े संसाधनों की जानकारी।
मंत्री ने कहा कि यह गणना प्रदेश और देश के पशुधन क्षेत्र के विकास में एक मजबूत आधार तैयार करेगी।
पशुपालन के लिए विकसित ढांचा
मंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार ने पशुपालन के क्षेत्र में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार किया है।
- पशु चिकित्सा संस्थान:
- कुल 2928 पशु चिकित्सा संस्थान, जिनमें 1079 पशु चिकित्सालय, 1796 औषधालय, 7 पॉलिक्लीनिक और 41 सहायक संस्थान शामिल हैं।
- हिसार स्थित राजकीय पशुधन फार्म।
- मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई:
- राज्य के विभिन्न जिलों में 70 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां चल रही हैं।
- इन इकाइयों से टोल-फ्री नंबर 1962 पर कॉल के जरिए दिन-रात पशु स्वास्थ्य और प्रजनन सेवाएं दी जा रही हैं।
दूध उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि
मंत्री ने बताया कि पशुपालन के क्षेत्र में किए गए सरकारी प्रयासों और प्रगतिशील पशुपालकों की मेहनत से राज्य का वार्षिक दूध उत्पादन 119.65 लाख टन तक पहुंच गया है।
- दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता:
- हरियाणा में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध उपलब्धता 1098 ग्राम है।
- यह राष्ट्रीय स्तर (459 ग्राम) की तुलना में दोगुने से भी अधिक है।
पशुधन की उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य पशुओं की उत्पादकता को विकसित देशों के स्तर तक ले जाना है। इसके लिए सरकार लगातार योजनाएं लागू कर रही है।