हरियाणा के लोगों के लिए खुशखबरी: 121 KM नई रेल लाइन से होगा इन ज़िलों को फ़ायदा
चंडीगढ़: हरियाणा में जल्द ही एक नई रेल परियोजना शुरू होने जा रही है, जो प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों और जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। यह परियोजना यात्री और माल ढुलाई में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
121 किलोमीटर लंबी होगी नई रेल लाइन
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर 121 किलोमीटर लंबा होगा और पलवल से सोनीपत को जोड़ेगा। इसे कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे के समानांतर बनाया जा रहा है। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 5,700 करोड़ रुपये है और 2025 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है।
इन जिलों को मिलेगा फायदा
इस रेल परियोजना का सबसे बड़ा लाभ पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर और सोनीपत जैसे जिलों को होगा। साथ ही, यह सोहना, मानेसर और खरखौदा जैसे महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों को भी जोड़ेगी। इससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।
निर्माण कार्य हुआ शुरू
इस रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। फरुखनगर टोल प्लाजा (सोहना-रेवाड़ी रोड) के पास निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है। इसके साथ ही मानेसर में मारुति-सुजुकी प्लांट को दिल्ली-रेवाड़ी सेक्शन से जोड़ने का काम भी प्रगति पर है।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी
परियोजना के लिए 67 गांवों से 665.92 हेक्टेयर (करीब 1,665 एकड़) भूमि अधिग्रहित की गई है। इसमें सोनीपत, नूंह, झज्जर, गुरुग्राम और पलवल जिलों की जमीन शामिल है। सरकार ने किसानों और भूमि मालिकों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
हाई-स्पीड और बड़ी क्षमता वाली ट्रेनें
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। इस ट्रैक पर रोजाना 5 करोड़ टन माल की ढुलाई की सुविधा होगी। डबल स्टैक कंटेनर के लिए सुरंग को विशेष रूप से डिजाइन किया जा रहा है।
अन्य कनेक्टिविटी के फायदे
यह रेल कॉरिडोर पृथला स्टेशन पर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) से जुड़ेगा और पलवल, पटली, सुल्तानपुर, असौधा व हरसाना कलां जैसे स्टेशनों को कनेक्ट करेगा। इससे सोनीपत और खरखौदा जैसे औद्योगिक क्षेत्रों की गुरुग्राम, मानेसर, सोहना, फरीदाबाद और पलवल से सीधी रेल कनेक्टिविटी हो जाएगी।
यात्री और पर्यावरण को होंगे बड़े फायदे
इस परियोजना से यात्रियों को दिल्ली होकर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे यात्रा समय बचेगा। इसके अलावा, एनसीआर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा और वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी। क्षेत्र में आर्थिक विकास तेज़ होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा, जो यातायात और उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।