दिल्ली सरकार ने की आउटसोर्सिंग बंद, हरियाणा सरकार कब करेगी?
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के आर्थिक शोषण का सबसे बड़ा माध्यम है.
23 जुलाई 2018
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नया हरियाणा
दिल्ली सरकार ने आउटसोर्सिंग बंद करने का अच्छा फैसला लिया है. क्या हरियाणा सरकार आउटसोर्सिंग को बंद करने का फैसला लेगी? आउटसोर्सिंग किसी भी स्तर पर सही तरीका नहीं है. यह मूलतः भ्रष्टाचार, भाईभतीजावाद और शोषण को बढ़ावा देनी की प्रणाली है. मनोहर सरकार को भी इस दिशा में जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए.
दिल्ली सरकार में आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से भर्ती हुए कर्मचारी का अनुबंधन(कांट्रेक्ट) अब सीधे विभागों के साथ होगा. दिल्ली एडवाइजरी कांट्रकैक्ट लेबर बोर्ड ने फैसला लिया है कि अब दिल्ली सरकार के विभाग ही कांट्रैक्ट कर्मचारियों की सीधी भर्ती कर सकेंगे.
दिल्ली सरकार में काम करने वाले ये कर्मचारी अब डिपार्टमेंट के दायरे में आएंगे. श्रम मंत्री गोपाल राय ने बताया कि कांट्रैक्ट होने के बाद इन कर्मचारियों को पूरा वेतन मिल सकेगा. साथ ही श्रम कानूनों के अंतर्गत पीएफ समेत दूसरी सभी सुविधाएं भी उन्हें अब आसानी से मिलेंगे.
दिल्ली सरकार ने विभागों में आउटसोर्सिंग को खत्म करने के लिए यह फैसला लिया है.
आउटसोर्सिंग की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिल पाता है और दूसरी तरफ इसमें गड़बड़ी की भी शिकायतें आती रहती हैं. इससे सरकार को यह फायदा होगा कि विभागों को एजेंसी को हर महीने कमिशन और जीएसटी नहीं देना होगा. बोर्ड के फैसले के बाद अब कैबिनेट नोट तैयार होगा और कैबिनेट की मंजूरी के बाद फैसले को लागू किया जाएगा.
गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली सरकार के सभी विभागों में लेबर वेलफेयर आफिसर की नियुक्ति होगी. ये आफिसर सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली सरकार के फैसले को ठीक तरह से लागू किया जाए और कर्मचारियों की शिकायतों को भी सुनेंगे. इससे विभागों में दूसरे अधिकारियों को अतिरिक्त कार्य से राहत मिलेगी.