इनेलो से गठबंधन तोड़ अकाली लड़ेंगे हरियाणा में चुनाव, इनेलो को लगेगा तगड़ा झटका
मोदी और अमित शाह ने इनेलो के गढ़ में सेंध लगानी शुरू कर दी है. सिरसा से ही इनेलो को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है.
21 जुलाई 2018
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नया हरियाणा
पंजाब का अकाली दल हरियाणा राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुट गया है. मोदी की पंजाब रैली से 2019 के चुनाव का बिगुल बज चुका है. अमित शाह की बादल परिवार से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि हरियाणा में अकाली भाजपा के साथ गठबंधन करके इनेलो की नींद हराम कर सकता है, क्योंकि अकाली अगर सिरसा सीट से तगड़ी और पगड़ी के साथ लड़ेगा तो इनेलो और कांग्रेस दोनों की इस सीट पर परेशानी बढ़ जाएंगी.
इसके संकेत आज कुरुक्षेत्र में हुई बैठक से मिलने लगे हैं. शिरोमणि अकाली दल बादल की एक अहम बैठक कुरुक्षेत्र छठी पादशाही गुरुद्वारे में आयोजित की गई. बैठक में अकाली दल हरियाणा के प्रधान शरनजीत सिंह सोथा और प्रदेश प्रवक्ता कवलजीत सिंह अजराना ने शिरकत की.
उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा की अकाली दल प्रदेश में 19 अगस्त को एक बड़ी रैली पिपली में आयोजित करने जा रही है. इस रैली की अगुवाई सुखबीर सिंह बादल करेंगे. अकाली दल हरियाणा में लोकसभा और विधान सभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है. अभी तक अकाली दल बादल हरियाणा में इनेलो के साथ चुनाव लड़ती रही है. आने वाला पहला चुनाव होगा जो बिना इनेलो के लड़ा जायेगा.
मोदी और अमित शाह की रणनीति का यह दांव अगर चल गया तो हरियाणा में सिरसा और अंबाला लोकसभा सीट पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा. जहां सिख वोटों की संख्या काफी है और इनेलो के लिए तगड़ा झटका साबित होगा.