सरकार भर्तियों के मामले ईमानदारी का दावा भले करती हो पर लेटलत्तीफी साफ दिखती है.
11 जुलाई 2018
Share
1306
नया हरियाणा
ग्रुप डी की भर्ती लंबे समय तक लटकने की संभावना है, क्योंकि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने मार्च-अप्रैल में दो तरह की भर्तियों के लिए विभागों से डिमांड मांगी थी. इनमें से एक सामान्य भर्ती थी और दूसरी खिलाड़ियों और निशक्तों के लिए विशेष भर्ती. सरकार ने खिलाड़ियों और अपंगों के लिए चलाए जाने वाले आरक्षण आधारित विशेष भर्ती अभियान को रद्द कर दिया है और विभागों से सिर्फ सामान्य भर्ती प्रक्रिया के लिए डिमांड मांगी है.
HSSC के इस नए आदेश के बाद सभी विभाग फिर से इन पदों के लिए अपनी मांग भेजेंगे और उसके बाद HSSC इनकी भर्ती की प्रक्रिया शुरू करेगा. सामान्य भर्ती अभियान स्वीपर, चौकीदार और स्वीपर-सह-चौकीदार के पदों को छोडक़र, शेष सभी ग्रुप डी पदों के लिए होगा. विभागों को निर्देश दिये गये हैं कि समय-समय पर जारी निर्देशों और दिशानिर्देशों के आधार पर ग्रुप डी के पदों के लिए निर्धारित आरक्षण नीति या मानदंडों के अनुसार ही वे डिमांड भेजें.
सरकार की लेटलत्तीफी का एक ओर नमूना इस भर्ती में साफ दिख रहा है. दरअसल भर्तियों को लेकर सरकार कितनी ही ईमानदारी का ढोल पीटती रहे, पर सच्चाई यही है कि सरकार एक निश्चित समय में न तो भर्ती प्रक्रिया को पूरी कर पा रही है और न ही अपने दावों के अनुकूल भर्ती के विज्ञापन दे पा रही है.