सीएम मनोहर लाल 14 जुलाई को मेवात दौरे पर हैं , ऐसे हालात में मेवात विकास सभा ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाकर सरकार और प्रशासन की मुसीबत बढ़ा दी है।
5 जुलाई 2018
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नया हरियाणा
मेवात जिले में ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण नहीं होने से पिछले कई सालों से जिले के करीब 30 हजार चालक बेरोजगार हो गए हैं। चालकों के बेरोजगार होने का असर सिर्फ उनके घरों तक ही सीमित नहीं रह गया है बल्कि जिले की अर्थव्यवस्था भी इससे प्रभावित हुई है। सरकार ने लाइसेंस नवीनीकरण के जो नियम बनाये हैं , वो चालकों को रास नहीं आ रहे हैं। एक तो कई - कई दशक से चालक का काम कर रहे लोगों का प्रशिक्षण ऊपर से उसमें भी करीब एक साल की वेटिंग। विधानसभा से लेकर संतरी से मंत्री तक यह मांग लगातार कई सालों से उठाई जा रही है ,लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात वाला ही रहा है। अब इस मामले को मेवात विकास सभा सामाजिक संगठन मजबूती से उठाने जा रहा है। आगामी 10 जुलाई को डीआरडीए हाल नूंह में सेमिनार होगा , जिसमें हरियाणा - राजस्थान तक के संगठनों और अन्य लोगों को बुलाया जायेगा। मेवात विकास सभा ने पत्रकारवार्ता के बाद डीसी पंकज कुमार के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम भेजा है। सभा के लोगों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर दस जुलाई तक उनकी मांग पर अमल नहीं हुआ तो आगामी 14 जुलाई को फिरोजपुर झिरका में रैली करने आ रहे सीएम मनोहर लाल की जनसभा से पहले कोई भी बड़े से बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी से महज 70 किलोमीटर की दूरी पर बसा हरियाणा राज्य का पिछड़ा जिला मेवात सामाजिक , शैक्षणिक , आर्थिक स्तिथि से पिछड़ा जिला है। नीति आयोग की रिपोर्ट में तो इस जिले को देश का सबसे पिछड़ा जिला तक बता दिया गया। कृषि के अलावा कम पढाई - लिखाई या अनपढ़ होने के चलते अधिकतर युवा ड्राइविंग के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। अज्ञानता और अनपढ़ता चलते युवाओं ने ट्रक - डंपर इत्यादि चलाने के लिए आगरा - मथुरा इत्यादि से लाइसेंस बनवा लिए। तत्कालीन आरटीओ नरेंद्र सिंह पर सीएम फ़्लाइंग ने रेड कर मामले की तहकीकात की तो ड्राइविंग लाइसेंसों को फर्जी बताते हुए उनका नवीनीकरण कई साल पहले रोक दिया। धीरे - धीरे नवीनीकरण नहीं होने वाले लाइसेंसों की संख्या बढ़ने लगी तो मसला सड़क से विधानसभा तक गूंजा , लेकिन नवीनीकरण के नियमों में छूट नहीं दी गई। मेवात विकास सभा के मुताबिक जिन चालकों की आधी या उससे भी ज्यादा उम्र ड्राइविंग करते - करते निकल गई। उनको प्रशिक्षण लेने की क्या जरुरत है और अगर जरुरी भी है तो उन्हें वेटिंग सूचि के बजाय तत्काल प्रशिक्षण कराने की जरुरत है। चालकों के बच्चों पढाई पर भी बेरोजगारी का असर देखने को मिल रहा है। निजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावक रोजगार चले जाने की सूरत में फ़ीस तक नहीं दे पा रहे हैं। सीएम मनोहर लाल 14 जुलाई को मेवात दौरे पर हैं , ऐसे हालात में मेवात विकास सभा ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाकर सरकार और प्रशासन की मुसीबत बढ़ा दी है।