राजनीति और प्रेम के फेर में फिजा की मौत की अनसुलझी कहानी!
राजनीति में पुराने मुद्दे कभी खत्म नहीं होते। जैसे ही नेताओं के बीच विवाद बढ़ता है, वैसे ही पुराने मुद्दे और बयान दोबारा कब्र से बाहर आ जाते हैं।
26 जून 2018
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नया हरियाणा
राजनीति में पुराने मुद्दे कभी खत्म नहीं होते। जैसे ही नेताओं के बीच विवाद बढ़ता है, वैसे ही पुराने मुद्दे और बयान दोबारा कब्र से बाहर आ जाते हैं। मनोहर लाल ने कुलदीप बिश्नोई के गढ़ में जाकर उनके स्वार्थों की पोल खोल दी. जिसके जवाब में रेणुका बिश्नोई और चंद्रमोहन बिश्नोई भी मैदान में कूद गए।
राजनीतिज्ञों के साथ प्यार और इश्क के कई किस्से पहले भी हुए और बाद में भी होंगे ही। एक ऐसे ही हादसे की कहानी हरियाणा के राजनीतिक गलियारे में भी हलचल पैदा कर चुकी है। जितनी तेजी से प्यार परवान चढ़ा उतना ही दुखद उसका अंत भी रहा और राज्य के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए यह महज एक MYSTERY बन कर रह गया। ऐसा ही केस शशि थरूर वाला चल रहा है।
हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम चांद मोहम्मद उर्फ चंद्रमोहन की पूर्व बीवी अनुराधा बाली उर्फ फिजा की मौत का रहस्य अनसुलझा ही रह गया था। फिजा की विसरा रिपोर्ट में चूहे मारने की दवा की पुष्टि हुई थी। उसके शरीर में जहर पाया गया था। हालांकि उसे जहर किसने दिया, इस बात का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है। हालांकि शक की सुईं भजनलाल परिवार की तरफ घुम रही थी।
गौरतलब है कि छह अगस्त को फिजा की लाश उसके घर से मिली थी। लाश की हालत बिल्कुल सहीं नहीं थी। खरड की केमिकल एनालिसिसि लैब की विसरा रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ था। फिजा की मौत से जुड़े ऐसे कई संकेत शुरू से ही मिल रहे थे, जिसके आधार पर उसकी मौत साजिश का नतीजा लग रही थी। पुलिस भी कह चुकी थी कि फिजा की कुछ समय से कई लोगों के साथ दुश्मनी चल रही थी। मौत से पहले फिजा की जो अंतिम तस्वीरें सामने आई थी, वे भी शक बढ़ाने वाली थी। पुलिस को फिजा के घर से करीब एक करोड़ रुपये नकद और डेढ़ किलो सोना भी मिला था। इससे भी शक गहराता है कि कहीं प्रॉपर्टी के लिए हत्या न कर दी गई हो।
हत्या का शक इसलिए भी गहरा गया था क्योंकि बुलंदशहर के सलीम अल्वी नामक व्यक्ति ने मोहाली पुलिस को पूछताछ में बताया था कि फिजा खुद के लिए सिक्योरिटी माग रही थी और उसने उसे बताया था कि उसे कुलदीप विश्नोई से जान का खतरा है। कुलदीप उस चंद्रमोहन का भाई है, जिसने धर्म बदल कर फिजा को बीवी बनाया और फिर तलाक दे दिया था। फिजा के कारण ही चंद्रमोहन का परिवार और राजनीति दोनों से सफाया हो गया था।