इनेलो वर्कर को दो दरबारों में लगानी पड़ रही है हाजिरी!
दो दरबार हो तो पार्टी वर्कर के लिए असमंजस की स्थिति हो जाती है.
21 जून 2018
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नया हरियाणा
इनेलो के सांसद दुष्यंत चौटाला के साथ हाल ही में जनता टीवी ने एक खास इंटरव्यू किया. इस इंटरव्यू के दौरान जब पत्रकार शशि रंजन ने उनसे एक इनेलो वर्कर के सवाल को प्रमुखता देते हुए पूछा कि इनेलो के वर्करों के सामने आजकल एक बड़ी परेशानी आ रही है. अब उन्हें दो दरबारों में हाजिरी लगानी पड़ रही है. इस सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हाजिरी का कल्चर हमारी पार्टी का कल्चर नहीं है, बल्कि यह तो कांग्रेस का कल्चर है. कांग्रेसियों को कई दरबारों में हाजिरी लगानी पड़ती है.
इनेलो पार्टी के नेता पब्लिक स्पेस में इस बात को माने या न माने पर पार्टी के कार्यकर्ताओं और सोशल मीडिया पर पार्टी के वर्करों के अलग-अलग कमेंट्स से यह साफ दिखता है कि पार्टी के भीतर दो धड़े साफ दिख रहे हैं. अब इनके बीच क्या संतुलन बनता है या क्या समझौता होता है, यह तो अभी कहना मुश्किल है. ओमप्रकाश चौटाला के सामने वही कठिन समय है जैसे देवीलाल के सामने थी. जब उन्हें रणजीत चौटाला और ओमप्रकाश चौटाला में से एक चुनना पड़ा था.इंटरव्यू में ही दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि जरूरी तो नहीं इतिहास हर बार अपने आपको दोहराए ही. बदल भी तो सकता है. तो इस बदलने के क्या मायने हैं ये तो जनता ही जाने.
दो दरबार हो तो पार्टी वर्कर के लिए असमंजस की स्थिति हो जाती है. उसके सामने यह बड़ी दुविधा रहती है कि किसके साथ लगे और किसका साथ छोड़े. इनेलो पार्टी को इस कन्फ्यूज करने वाली स्थिति का चुनाव में तो फायदा मिलेगा, पर वर्कर के लिए ये बड़ी समस्या बनी रहेगी.