यशपाल मलिक की खिलाफत के स्वर हरियाणा में लगातार तेज होते जा रहे हैं। इसकी शुरूआत काफी पहले हो गई थी। इसका मुख्य कारण भी यशपाल मलिक की उद्देश्यहीन कार्यशैली मानी जा रही है। दूसरी तरफ बड़ा कारण चंदे में हुई गड़बड़ी और आंदोलन में पीड़ित परिवारों को मदद नहीं की गई। जिसके कारण जनता में रोष लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अब यह रोष संगठित रूप में भी उभरने लगा है।
रोहतक सरपंच एसोसिएशन और पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने यशपाल मलिक के कार्यक्रम का बहिष्कार किया है, जबकि इनैलो इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। जिसका एक अर्थ यह निकाला जा रहा है कि इनैलो का यशपाल मलिक को मौन समर्थन प्राप्त है। जबकि यशपाल मलिक हुड्डा और अभय दोनों के करीबी माने जाते हैं। जिसके कारण युवा जाट नेता इसका अपने-अपने ढंग से मूल्यांकन करते हैं।
"यशपाल मलिक, अभय चौटाला और भूपेन्द्र हुड्डा तीनों के एक साथ के फोटो भी आते हैं।
मतलब चन्दा मिल बांट कर खा रहे हैं।
जाट आरक्षण के चंदे में तीनों कितने कितने प्रतिशत के हिस्सेदार हैं ?"
"सांप को नहीं सांप की मां को मारो।
यशपाल मलिक का मुख्य रूप से इनेलो समर्थन कर रही है, इसी के कार्यकर्ता उसके समर्थन में सबसे ज्यादा गाली गलौच व गुंडागर्दी करते हैं।
बाकी कांग्रेसी तो इतना नहीं, लेकिन रोहतक के अधिकतर कांग्रेसी जरुर उसके साथ हैं।
यशपाल मलिक की खुद की पहले दिन से कोई औकात नहीं है, इनेलो और कांग्रेस का ही पूरा काडर उसकी रेलियों में जाता है और उनकी भीड़ देखकर बाकी लोग जुड़ जाते हैं।
अब सवाल यह उठता है कि इनेलो और रोहतक कांग्रेस को जाट समाज के चंदे में कितना हिस्सा मिलता है ?
मुफ्त में तो राजनैतिक पार्टियाँ कभी मदद नहीं करती।"
इस तरह की अनेक प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर लगातार आ रही हैं।
रोहतक सरपंच एसोसिएशन ने यशपाल मलिक के जसिया में होने वाले कार्यक्रम का पूर्णतः बहिष्कार किया है, क्योंकि यशपाल मलिक से एसोसिएशन ने वो सभी सवाल पूछे थे। जो आम जनता के सवाल थे। यशपाल मलिक लगातार संदेह के घेरे में आते जा रहे हैं, क्योंकि जाटों ने जो चंदा पीड़ित परिवारों के लिए दिया था। उसका सही इस्तेमाल नहीं किया गया और जेल से बाहर आए आरोपी खुद के पैसे लगाकर केस लड़ रहे हैं।
जनता द्वारा उठाए गए सवालों पर यशपाल मलिक की चुप्पी जनाधार का अपमान नहीं माना जाए तो और क्या माना जाए? प्रस्तुत हैं वे सवाल जिनके जवाब जनता चाहती है-
1- आरक्षण की लड़ाई, सब को न्याय, जेल में बंद बच्चों की रिहाई, उनके केसों की पैरवी को छोड़कर जाट सेवा संघ के शिक्षण संस्थान की जरुरत क्यों आ पड़ी ?
2- बार बार हरियाणे में हर दूसरे-तीसरे महीने में की जाने वाली रैलियों का क्या औचित्य है ?
3- राजकुमार सैनी - यशपाल मलिक की रैली हर बार एक साथ, एक दिन क्यों ?
4- राजकुमार सैनी - रोशनलाल समेत जिन्होंने हरियाणे में जातीय तनाव बढ़ाया, 35-1 का नारा दिया, दूसरी बिरादरी को गालियाँ दी उनके खिलाफ क्या कार्यवाही हुई ?
5- जो बच्चे जमानत पर बाहर हैं और हर महीने 2-3 चक्कर C.B.I. कोर्ट पंचकुला के काट रहे हैं क्या आरक्षण समिति यशपाल मलिक उन्हें आने-जाने का किराया-भाड़ा उपलब्ध करवा रहे हैं ?
6- जो सवाल करता है उसे जवाब देने की बजाय उल्टा उसे ही चोर, गद्दार, सरकारी की उपमा किस आधार पे दे देते हैं ?
7- जेल से जमानत पर आए बच्चों को भी यशपाल मलिक & टीम द्वारा सरकार से सैटिंग करने वाला बता दिया जाता है ऐसा क्यों ?
8- हर बार जसिया में धरना और पूरे हरियाणा का केंद्र जसिया को बनाने के बावजुद जसिया के ही जेल में पड़े भाई मनोज दुहन के ऊपर जो अनर्गल व घटिया आरोप आरक्षण समिति द्वारा लगाए गए वे क्या साबित करते हैं ?
9- राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा जाट समेत 6 जातियों को आरक्षण के लिए सर्वे किया जा रहा है। उसपे ध्यान ना देके रैलियों पे जोर देना और भूमि पूजन कहाँ तक जायज है?
जिस तरह से विरोध के स्वर बढ़ रहे हैं, उससे लग रहा है कि आने वाला समय यशपाल मलिक के लिए काफी मुश्किलें खड़ी करने वाला है।