मैं चौधरियों के डोगे और पगड़ी गिरवा दूंगा : भगवत दयाल शर्मा
भगवत दयाल शर्मा 1966 में सूबे के पहले मुख्यमंत्री बने थे.
14 जून 2018
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नया हरियाणा
सामान्य जीवन हो या राजनीति बात के अर्थ का अनर्थ दोनों जगह खूब होता है. हरियाणा की राजनीति में ऐसे बहुत से किस्से भरे हुए हैं. ऐसा ही यह किस्सा है हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल शर्मा का. हुआ यूं कि वो सूबे के पहले मुख्यमंत्री बने तो श्रीचंद और राव वीरेंद्र ने मिलकर उनकी सरकार तोड़ दी थी.
ऐसे में भगवत दयाल को गुस्सा आना लाजिमी था. उन्होंने गुस्से में एक बयान दिया कि मैं चौधरियों के डोगे और पगड़ी गिरवा दूंगा. बस फिर क्या था हरियाणा की आन बान शान कहे जाने वाले डोगे और खंडके(पगड़ी) बात आई थी तो रूकनी कहां थी.
दरअसल उनकी बात का गलत अर्थ निकाला गया. जबकि वो कहना चाहते थे कि दलाल के बजाए सीधे मेरे पास आओ लेकिन नेताओं ने इसका प्रचार यह कर दिया कि पंडत तो जाटों के डोगे गिरवाने चाहवै सै.
देखते-देखते दुष्प्रचाक ऐसा हुआ कि पंडित जी के लिए आफत बन गया. उन्हें कोई जवाब सूझ नहीं रहा था. लेने के देने पड़ गए वाली कहावत उन्होंने महसूस की. दरअसल राजनीति में ज्यादातर नेताओं के जीवन में यह क्षण जरूर आता है. जब उन्हें लगता है कि उन्होंने राजनीति में आकर गलती कर दी.
कुछ बयान गले की हड्डी बनकर उलझ जाते हैं, जो न निगले बनते हैं और न बाहर धकेले जाते हैं. ऐसा ही भगवत दयाल शर्मा के साथ हुआ था. आज के सोशल मीडिया के दौर में तो यह कभी न बुझने वाली आग की तरह का बयान हो जाता. दोनों तरफ से मौके रूपी तलवारे खींच जाती.