रोहतक के दो सीआइडी वालों ने हिला दी थी प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की कुर्सी!
हरियाणा की राजनीति में सीआईडी की काफी अहम् भूमिका रहती है.
11 जून 2018
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नया हरियाणा
सोनी चैनल पर सीआईडी सीरियल में सीआईडी वाले भले ही क्राइम से जुड़े मामले सुलझाते हुए दिखते हों, पर असल में सीआईडी वाले नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखने का काम ज्यादा करते हैं. इसी से जुड़े कुछ किस्से और घटनाओं से आज आपको रूबरू करवा रहे हैं.
हरियाणा के नेता तो नेता हैं ही, यहां के सीआईडी वाले सरकार गिराने के काम कर देते हैं. हरियाणा के दो सीआईडी वाले प्रेमसिंह और राज सिंह ने चंद्रशेखर की सरकार गिरवा दी थी. हुआ यूं था कि दोनों कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गांधी के घर के बाहर जासूसी के लिए भेजे गए थे. नेताओं की आपस में जासूसी करवाना राजनीति में आम बात है.
ये दोनों जवान हरियाणा के रोहतक में नियुक्त थे. दोनों को अस्थाई तौर पर दिल्ली भेजा गया. जासूसी करने की खबर जब राजीव गांधी को लगी तो उन्होंने चंद्रशेखर सरकार से समर्थन वापस ले लिया.
हर मुख्यमंत्री विरोधियों और अपने खेमे में तीन-पांच करने वालों की जासूसी के लिए सीआईडी से काम लेते रहे हैं. ऐसे ही जासूसी करने वाले सीआईडी के अफसरों को एक बार बंसीलाल ने पकड़ लिया था. भजनलाल दबबदलू विधायकों को लेकर चंपत हो गए और सीआईडी वाले हाथ मलते रह गए थे.
1974 में स्थापित की गई जांच संस्था क्रिमिनल इंवेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) वह इकाई है जो स्वतंत्र रूप से मामलों की जांच करती है. इसकी स्थापना ज्यादा से ज्यादा मामले सुलझाने के उद्देश्य से की गई थी, ताकि लोगों का पुलिस पर विश्वास बढ़ सके. इस इकाई की स्थापना इसी उद्देश्य से की गई थी कि यह स्वतंत्र रूप से मामलों की जांच कर सके. इसकी नियमावली में भी लिखा है कि जब तक कोई विशेष आयोजन नहीं हो तब तक सीआईडी में कार्यरत ऑफीसर यूनीफॉर्म नहीं बल्किो सादे कपड़ों में रहेंगे. यही नहीं वो अपने से उच्च अधिकारी को सेल्यूट भी नहीं करेंगे. चूंकि सीआईडी के अधिकारियों का चयन राज्य सरकार करती है. इसीलिए सीआईडी का नेताओं की जासूसी में ज्यादा इस्तेमाल होता है.