भारत की एकता के शिल्पकार सरदार पटेल को राष्ट्र ने किया नमन
मशहूर राजनीतिज्ञ एचवी कामत के अनुसार पटेल कहते थे कि, यदि नेहरू और गोपाल स्वामी आयंगर कश्मीर मुद्दे पर हस्तक्षेप न करते और उसे गृहमंत्रालय से अलग न करते तो हैदराबाद की तरह इस मुद्दे को भी आसानी से देशहित में सुलझा लेते।
31 अक्टूबर 2017
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नया हरियाणा
562 रियासतों का एकीकरण करने वाले लौह पुरुष और स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का आज 142वां जन्मदिवस है. इस मौके पर आज इंडिया गेट से सटे नेशनल स्टेडियम में 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन किया गया है. पीएम मोदी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववत सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, "पहले के लोगों ने सरदार पटेल के योगदान को भुलाने और खत्म करने का भरसक प्रयास किया." उन्होंने कहा, "लेकिन देश के लोग और युवा पटेल का और देश के निर्माण में उनके योगदान का सम्मान करते हैं." पीएम मोदी ने पटेल के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा, "सरदार पटेल ने अपनी कुशलताओं और दृढ़ता का इस्तेमाल कर विभाजन के बाद उपजी समस्याओं से देश को बचाया."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्ल भ भाई पटेल की 142वीं जंयती पर 'रन फॉर युनिटी' को हरी झंडी दिखाई. इससे पहले पीएम मोदी ने अपने संबोधन कहा कि सरदार पटेल को हम बहुत ही जल्द भुला बैठे हैं. लेकिन सरदार साहब देश की आत्मा में विराजमान हैं. उन्होने देश की सांस्कृतिक विविधता का जिक्र करते हुए कहा कि हमने एकता अपनी विरासत से सीखा है. विश्व की हर परंपरा को हमने अपने अंदर समेटा है. देश की एकता के लिए सरदार पटेल ने भगीरथ काम किया है. इसका पूरे देश को पता चलना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी थी. पीएम मोदी ने कार्यक्रम के माध्यम से कहा, “सरदार वल्लभभाई पटेल ने लाखों भारतीयों को 'एक राष्ट्र, एक संविधान' के अंतर्गत लाना सुनिश्चित किया और एकता और देशभक्ति का उनका संदेश 'न्यू इंडिया' के लिए एक प्रेरणा है.”
पीएम मोदी ने कहा, "इसलिए सभी पीढ़ियों को जानना चाहिए कि पटेल ने एकता को कैसे बनाए रखा. हम उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मना रहे हैं."
मशहूर राजनीतिज्ञ एचवी कामत के अनुसार पटेल कहते थे कि, "यदि नेहरू और गोपाल स्वामी आयंगर कश्मीर मुद्दे पर हस्तक्षेप न करते और उसे गृहमंत्रालय से अलग न करते तो हैदराबाद की तरह इस मुद्दे को भी आसानी से देशहित में सुलझा लेते।"