हालांकि कुछ कार्यकर्ता भी आरटीआई को ब्लैकमेल करने का प्रयास करते हैं, पर ऐसे लोगों की संख्या कम हैं, समाजहित में काम करने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक है।
31 अक्टूबर 2017
Share
883
नया हरियाणा
आरटीआई कानून का सीधा-साधा मतलब यही है कि जनता और सरकार के बीच जो भी प्रक्रिया चलती है, वह पारदर्शी बनी रहे और जनता सरकार से अपनी जिज्ञासाओं और सवालों के जवाब ले सकें। दूसरी तरफ हर सरकार और सरकारी कर्मचारियों को लगता है कि आरटीआई कानून के माध्यम से उन्हें परेशान किया जा रहा है. अगर हर सरकार खुद से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करती तो इस कानून की आवश्यकता ही क्या पड़ती? भारत में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर बहुत से हमले तक करवाये गए हैं और समाज के स्तर पर उन्होंने चुप करवाने के भी भरसक प्रयास किए जाते हैं. धमकियां देना आम बात है और कई जगह तो हत्याएं तक कर दी गई हैं.
जनता में भी आरटीआई कार्यकर्ताओं को लेकर तमाम तरह की अनरगल बातें फैलाई जाती हैं, ताकि उनकी विश्वसनीयता संदिग्ध रहे। हालांकि कुछ कार्यकर्ता भी आरटीआई को ब्लैकमेल करने का प्रयास करते हैं, पर ऐसे लोगों की संख्या कम हैं, समाजहित में काम करने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक है।
मामला यूं हुआ कि..
बहादुरगढ़ से अपनी समस्या लेकर आए राहुल मंडौरा जब सीएम के सामने अपनी बात रखने लगे तो विधायक नरेश कौशिक ने कहा कि यो रोज आरटीआई लगावै सै जी, और कोई काम कोनी इसनै. इस पर सीएम ने पूछा क्या करते हो तो उसने बताया कि आरटीआई कार्यकर्ता हूं. जिस पर सीएम ने कहा कोई काम भी कर लिया करो.
कोई पूछने वाला हो तो सीएम साहब से ही यह पूछना चाहिए था कि सरकार और कर्मचारी सही से काम करते हो तो आरटीआई की जरूरत ही कहां पड़ती.