समुद्र के रास्ते दुनिया का चक्कर लगाकर लौटी नौसेना 6 महिला अफसरों से की मोदी ने मुलाकात
नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि यह यात्रा छः चरण में पूरी की गई।
24 मई 2018
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नया हरियाणा
महिलाओं ने कदम-कदम पर अपने साहस और वीरता का परचम लहराया है। फिर वो चाहे चाँद पर जाना हो या माउंट एवरेस्ट की कठिन चढ़ाई ही क्यों न हो, महिलाओं ने कभी स्वयं को कमजोर नहीं माना। समाज में महिलाओं की जो स्थिति है इसके बावजूद भी महिलाएं कभी कमजोर दिखाई नहीं देती। आई एन एस वी तारिणी में समुद्र के रास्ते दुनिया का चक्कर लगाकर लौटीं नौसेना की छः जांबाज महिला अफसरों ने "नाविक सागर परिक्रमा' नामक यह अभियान आठ महीनों में सफलतापूर्वक पूरा किया। यह भारत का पहला महिला अभियान दल है जिन्होंने 254 दिन में 26000 समुद्री मील का सफर तय किया।
नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि यह यात्रा छः चरण में पूरी की गई। चालक दल ने इस दौरान फ्रेमांटले (ऑस्ट्रेलिया), लाइटिलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टैनली (फॉकलैंड द्वीप), केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका) और मॉरीशस में अपना पड़ाव डाला। साथ ही चालक दल ने अपनी यात्रा के दौरान 21,600 नॉटिकल माइल की दूरी तय की और दो बार भूमध्य रेखा, तारिणी चार महाद्वीपों और तीन सागरों को पार किया।
पिछले साल 10 सितंबर को आईएनएस मांडवी बोट पुल से रवाना यह चालक दल लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी के नेतृत्व में शुरू हुआ और इस चालक दल में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, स्वाति पी, लेफ्टिनेंट ऐश्वर्या बोड्डापति, एस विजया देवी और पायल गुप्ता शामिल थीं।
लगभग आठ महीने बाद 21 मई को यह गोवा लौटा, जहाँ रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और नौसेना प्रमुख एडमिरल लांबा ने उनका स्वागत पूरे हर्षोल्लास से किया। बुधवार को यह दल अपने सभी सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला। नरेंद्र मोदी जी ने इन्हें इस सफर के अनुभवों को लिखने का परार्मश देते हुए हार्दिक बधाई दी।