हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड की बैठक में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुविधाएं व सीवरेज प्रणाली तथा प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बरसाती पानी की निकासी की सुविधाओं के सुधार के लिए 1650 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई।
इस बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्रीमती कविता जैन और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी राज्य मंत्री डा० बनवारी लाल उपस्थित थे।
बैठक में 2444 चालू योजनाओं और 1359 नई योजनाओं के लिए फण्ड भी स्वीकृत किया गया। बैठक में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 272 बस्तियों में पेयजल आपूर्ति सुविधाओं में सुधार करने और वर्ष 2018-19 के दौरान प्रदेश के विभिन्न शहरों में 15 मल शोधन संयंत्रों का निर्माण कर चालू करने और जलापूर्ति, सीवरेज तथा बरसाती पानी निकासी की प्रणाली में सुधार करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को पानीपत में गंदे पानी के उपचार के लिए एक पायलट परियोजना शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके सफल होने पर इसी मॉडल को प्रदेश के अन्य भागों में शुरू किया जाएगा और यह सुनिश्चित करने के प्रयास भी किए जाएं कि यमुना नदी में एक भी बूंद गंदे पानी की न पड़े। उन्होंने विभाग को एक प्रौद्योगिकी क्रियान्वित करने के लिए कहा ताकि उसके माध्यम से जिस स्थान पर पानी को शोधित किया जाता है, उसी स्थान पर पानी का उपयोग किया जा सके और इसे सिंचाई के लिए पहली प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
महाग्राम योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को पहले चरण में विभाग द्वारा 20 गांवों में प्रस्तावित पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। इन गांवों में सोलर और सूक्षम सिंचाई परियोजनाओं को भी लागू किया जाए। उन्होंने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से इन गांवों का दौरा करके कार्य पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित करने के निर्देश दिए ताकि इस वर्ष इस योजना के तहत 116 गांवों को कवर करने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। बैठक में बताया गया कि 20 गांवों में से 6 गांवों में कार्य पहले ही आबंटित करके आरम्भ किया जा चुका है, जबकि शेष 11 गांवों के लिए अनुमान तैयार किए जा रहे हैं।
बैठक में बताया गया कि हरियाणा में घग्घर नदी के कैचमैंट क्षेत्र के साथ स्थित 21 कस्बों के लिए 19 एसटीपीज पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि अम्बाला सदर और थानेसर कस्बों में दो एसटीपीज की स्थापना प्रक्रियाधीन है। इसके अतिरिक्त, हरियाणा कमांड ऐरिया विकास प्राधिकरण (काडा) की सहायता से सिंचाई के लिए व्यर्थ पानी का उपयोग करने के लिए तीन परियोजनाएं तैयार की गई हैं। इन परियोजनों की सफलता के उपरांत इसे अन्य शहरों में भी शुरू किया जाएगा।
बैठक में यह भी बताया गया कि जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने अपनी संपत्तियों, आवासों और सीवरेज नेटवर्क हेतु जियो मैपिंग को शुरू कर दिया है। इस वर्ष के अंत तक, संपूर्ण जियो मैपिंग पूरा हो जाएगा और इसके बाद परियोजनाओं के सभी अनुमान जियो मैपिंग के साथ प्रस्तुत किए जाएंगे। बैठक में यह भी बताया गया कि विभाग ने राज्य में सीवरेज के काम लगे लोगों के लिए पांच प्रकार के प्रशिक्षण कार्यफ्म शुरू किए गए हैं। इस कार्यफ्म के तहत, सीवर के कार्य में लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए एक दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। यदि एक बार यह प्रशिक्षण पूरा हो जाता है तो हरियाणा इस तरह के प्रशिक्षण आयोजित करने वाला पहला राज्य होगा।
॒इससे पहले, बैठक में विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी गई जिनमें 475 नए ट्यूबवैल, 22 स्वतंत्र नहर आधारित पानी के काम, अर्थात् खानपुर, माध और हांसी में पेटवार, जींद में रूपगढ़, बेहबबपुर, माजरा, सिरधन, नूरकियाली और फतेहाबाद में आहेरवान, टोहाना में सिधानी, लोहारु में धुलकोट और बिथन, उकलाना में किरारा, नरवाना में फ्रेन खुर्द और कोल्डा खुर्द, डबवाली में ताप्पी, नारनौंद में सिसाई, रतिया में जलोपुर और बादलगढ़, झज्जर में बिठला और गोहाना में नियात शामिल है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में 45 बूस्टिंग स्टेशन और 126 नवीनीकरण, ग्रामीण इलाकों में मौजूदा जल कार्यों की मरम्मत, ग्रामीण इलाकों में 546 पाइपलाइन के कार्य साथ साथ 50 अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूदा जल कार्यों, स्वतंत्र फीडर, स्थिरता और जल व्यवस्था के विस्तार सहित अन्य कार्यों को बैठक में भी मंजूरी दी गई।