आसाराम को पोक्सो एक्ट के तहत सजा हुई है. अब इस एक्ट में फांसी का भी प्रावधान किया गया है.
25 अप्रैल 2018
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नया हरियाणा
पोक्सो एक्ट के तहत सजा होनी है. जिसमें कम से कम 10 साल की सजा है और अधिकतम उम्रकैद. हालांकि कुछ दिन पहले ही इस एक्ट में बदलाव हुआ. जिसमें फांसी का प्रावधान किया गया है. पीड़ित पक्ष ने अधिकतम सजा की मांग की थी. कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई है. शिल्फी और शरद को 20-20 साल की सजा सुनाई है.
नाबालिक मामले में जोधपुर कोर्ट ने आसा राम को दोषी करार दिया है. नाबालिग से रेप केस में आसाराम के साथ शिवा उर्फ सवाराम (आसाराम का प्रमुख सेवादार), प्रकाश द्विवेदी (आश्रम का रसोइया) को कोर्ट ने बरी किया और आसा राम, शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता(सेविका) और शरदचंद्र उर्फ शरतचंद्र को दोषी करार दिया है।
क्या था मामला
21 अगस्त, 2013 में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में रहने वाले ऐसे ही एक भक्त परिवार ने आसाराम के ख़िलाफ़ अपनी 16 साल की बेटी के साथ बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था.आसाराम के संत रूप में अटूट श्रद्धा रखने वाले पीड़िता के पिता ने अपने पैसों से शाहजहांपुर में उनके लिए एक आश्रम बनवाया था.
यही नहीं इस परिवार ने अपने दो बच्चों को 'संस्कारवान शिक्षा' के लिए आसाराम के छिंदवाडा स्थित गुरुकुल में पढ़ने भी भेजा.7 अगस्त 2013 को पीड़िता के पिता को छिंदवाडा गुरुकुल से एक फ़ोन आया. फ़ोन पर उन्हें बताया गया कि उनकी 16 वर्षीय बेटी बीमार है. पीड़िता के माता पिता छिंदवाडा गुरुकुल पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी पर भूत-प्रेत का साया है जिसे आसाराम ही ठीक कर सकते हैं.
14 अगस्त को पीड़िता का परिवार आसाराम से मिलने उनके जोधपुर आश्रम पहुँचा. मुकदमे में दायर चार्जशीट के अनुसार आसाराम ने 15 अगस्त की शाम 16 वर्षीय पीड़िता को 'ठीक' करने के बहाने से अपनी कुटिया में बुलाकर बलात्कार किया.
इसके बाद इस परिवार ने अपनी बेटी को इंसाफ़ दिलाने के लिए एक नई जंग शुरू की. परिवार के मुताबिक़ उन्हें जान से मार देने की धमकी दी गई. ये वो समय था जब अख़बारों से लेकर टीवी चैनलों पर आसाराम के ख़िलाफ़ आरोपों पर बहस जारी थी. लेकिन इस सब के बावजूद आसाराम अपने आश्रमों में प्रवचन करते रहे और झूमते रहे. आसाराम पर लगते इन आरोपों को लेकर उनके कुछ भक्तों के मन में भी शक घर करने लगा था.